Friday 19 July 2013

नेता प्यारे

देख इमारते ऊँची ऊँची इतराते हैं नेता प्यारे, देख आलिशान घर और मकान मुस्कुराते  हैं नेता न्यारे,देख व्यवसाय के गलियारों को  शान समझते हैं नेता सारे, पर एक छप्पर को तरसने वाली भूखी जनता क्यों उन्हें नहीं दिखती है, क्या इन रंगीनियों तक ही है सीमित देश या नेताओ की नज़रों में जनता की नहीं कोई गिनती है, एक वक्त की रोटी अपनों को देने के लिए जहाँ एक और कितनो की अस्मत लुटती है, नंगे बदन एक बालक को तपती धूप  में रख एक माँ पत्थर दिल पे रख कर कही मेहनत मजदूरी करती है, जीवन के जाने कितने संघर्षों से लडती हुई मजबूर जनता क्यों नहीं किसी को दिखती है, कहते हैं नेता सारे देश में मिटने लगी है गरीबी, दूर जाने लगी है अब तंग हाली और बेबसी, मिलने लगा है सबको रोज़गार, हर किसी को मिल चूका है अब पड़ने लिखने का अधिकार, पर सुन कर उनकी बाते आता है ख्याल दिल में क्या सच में वो देश की बात करते हैं, जो दिखता  नहीं  जनता-ऐ -आम को वो आखिर नेताओं को कैसे दिख जाता है, करते हैं बात वो इस जनता की या अपनी ही  हसीं दुनिया को सम्पूर्ण जहाँ समझ कर बदहाल हुई इस बेबस जनता को  खुशहाल जिसे  बतलाते हैं ये हमारे नेता प्यारे। 

Thursday 18 July 2013

tumhare jane ke baad uss jagah ko kaun bharega................kavita

ye mehalon mein rahne wale jhopadi mein rahne walon ko chhota samajhte hain, ye aasaman mein bulandi paane wale apne chaahane walon ko khud se kam samajhte hain, ye khud ko prasadhhi ke shikhar par pahuchaane wale unke jaise banne walon ko nakabil samajhte hain, ae mere mehalon mein rahne walo aur khud ko aasman tak pahuchaane walon, ae mere prasadhhi kee seedi chadne walon kabhi tum bhi to auron ki tarh yaha hi rahte the, tum bhi to kabhi inn jhopadon mein sote the, aasman chhoone ki lalak bhi kabhi tumme bhi auron ke jaisi hi thi, chahat prasdhhi ko gale lagane ki kabhi tumme bhi to un logon jaise hi thi, ae mere duniya jeetne walon tum bhi jara ye sun lo jab boond hi na hogi to sagar kaise banega, jab tail hi na hoga to deepak kaise chalega, agar koi peechhe na ho to aage kaun badega, jinhe kuch na samjhte ho aaj tum agar wo hi na hoga to kal tumhare jane ke baad uss jagah ko kaun bharega................

Wednesday 17 July 2013

हर जगह वो आज भी मुझे मिल जाती है- श्रधान्जली उसके लिए जो नहीं है अब दिल के सिवा इस दुनिया में



वो नहीं  है अब लेकिन हर कहीं वो आज भी मिल जाती है, बन के सितारा आसमान में चमकती है वो  फिर भी  धरती पे दिख जाती है,लोग कहते है मुझसे वो चली गयी  है दूर तुझसे इतना की न देख  सकोगे उसे फिर  जो रखते हो दिल में उससे मिलने की तमन्ना, कैसे समझाऊ लोगो को मैं मुझे तो हर किसी की  सूरत में बस छवि उसकी ही दिख जाती है, वो नहीं है  भले आज मेरे  साथ पर हर कही और हर जगह वो आज भी मुझे मिल जाती है। 


 श्रधान्जली उसके लिए जो नहीं है अब दिल के सिवा इस  दुनिया में 


पौराणिक कथा- भगवन बुध की एक सच्ची घटना भाग ३ (pauranik katha- bhagwan budh ki ek sachhi ghatna bhaag 3)


बहुत पुरानी बात है एक बार भगवान् बुध किसी गाँव में पहुचे तो वह एक स्त्री ने उन्हें अपने घर भोजन के लिए आमंत्रित किया भगवन बुध मान गए और उसके घर भोजन हेतु जाने लगे किन्तु तभी समस्त गाँव वाले वहाँ एकत्रित हो गए और कहने लगे की भगवंत आप उसके घर कृपया भोजन न करे क्योंकि ये स्त्री चरित्रहीन है और यदि आपने इसके यहाँ भोजन किया अथवा आप इसके घर भी गए  तो आप भी अशुद्ध हो जायंगे,  उनकी बात सुन कर बुध बोले भीड़ में से केवल वो ही लोग निकल कर मेरे सामने आये जो कभी भी इस स्त्री के संपर्क में ना आये हो अथवा जो कभी खुद इस स्त्री के घर ना आये हो, उनकी बात सुन कर धीरे धीर लोग वहा से जाने लगे और भीड़ भी तितर बितर हो गयी, ये देख कर उस स्त्री ने भगवन बुध से कहा की प्रभु आपने तो मुझे धन्य कर दिया, उसकी बात सुन कर प्रभु बोले कोई भी व्यक्ति किसी कार्य के लिए अकेले ही अपराधी अथवा ज़िम्मेदार नहीं होता, व्यक्ति के कर्म और व्यवहार को उसके आस पास के लोगो और उनके द्वारा तैयार वातावरण इसका प्रमुख रूप से ज़िम्मेदार होता है। 







Tuesday 16 July 2013

beete lamhon ki yaadon ke saaye mein zindagi bhar khoye rahna hm chaahte hain....sad poetry..........


"kuch kehna hm chahte h kuch sunna tum chahte ho, kuch paana hm chahte h kuch khona tum chahte ho, jane ye kaisi duriya aa chuki h beech hmare, the karib kabhi beintehaa aaj hain juda ho chuke, par jane q aaj bhi paas tumhare hm h aana chahte h aur door  tum hmse jana chahte ho, faasle tum banana chaahte ho aur najdikiya hm badaana chaahte hain, tod kar har rishta pyaar ka juda tum humse hona chaahte ho aur toote huye inn rishton ke saath zindagi hm bitana chaahte hain, de kar daga mohabbat mein mujhe bewafa tum ban jaana chaahte ho aur hm beete lamhon ki yaadon ko dil mein samet kar zindagi bhar khoye unme  rahna hm chaahte hain...."


कुछ कहना तुम चाहते हो कुछ सुन्ना हम चाहते  हैं , कुछ  पाना  हम चाहते हैं कुछ खोना तुम चाहते हो ,जाने ये कैसी दूरिय आ चुकी है बीच हमारे , थे कभी करीब बैएन्तहा आज हैं जुदा हो चुके , पर जाने क्यों आज भी पास तुम्हारे हम आना चाहते हैं और दूर तुम हमसे जाना चाहते हो, फासले तुम बनाना चाहते हो और नजदीकिय हम बढाना चाहते हैं, तोड़ कर हर रिश्ता प्यार का जुदा तुम हमसे होना चाहते हो और टूटे हुए इन रिश्तो के साथ ज़िन्दगी हम बिताना चाहते हैं, दे कर दगा मोहब्बत में मुझे बेवफा तुम बन जाना चाहते हो और हम बीते लम्हों की यादों को दिल में समेत कर ज़िन्दगी भर खोये उनमे रहना चाहते हैं 

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Thanks and Regards
 *****Archana*****

Monday 15 July 2013

' अनहोनी घटनाएं भाग -३ ',

नस्मर दोस्तों आज हम फिर हाज़िर हैं अपने इस लेख जिसका शीर्षक है ' अनहोनी घटनाएं भाग -३ ',  दोस्तों हमारी ज़िन्दगी में कभी कभी ऐसा कुछ हो जाता है जिस पर पहले हमे कभी यकीं भी नहीं होता पर समय और हालत हमे उस पर यकीं करवा ही देते हैं हाँ ये बात और है की किसी और या दूसरो को इस  विषय में यकीं दिलाना थोडा मुश्किल होता है क्योंकि लोग इसका प्रमाण मांगते हैं और कुछ बातों को स्पष्ट करने का हमारे पास कोई प्रमाण नहीं होता  इसका अभिप्राय ये तो कदाचित नहीं की ऐसा हुआ ही नहीं है ये सब असत्य है। हमारा ये लेख इसी बात पे आधारित है और इसकी प्रमाणिकता अभी तक की ये है की  इसकी घटनाये जो भी अभी तक घटी है उन्हें हमने खुद सहा है और हम ही उन सबके गवाह है। 



दोस्तों आज की ये सच्ची कहानी फिर से हमारी ही है, दोस्तों जब हमने फैसला किया की अनहोनी घटनाओ पर आधारित सच्ची कहानिया हम आपके समक्ष ले कर आयेंगे और इस विषय पर हम निकल पड़े ऐसी ही सच्ची कहानियों को आप तक पहुचाने  के लिए उनकी खोज मे। दोस्तों कुछ ऐसी ही रोचक और असंभव सी दिखने वाली कई सच्ची घटनाये और उनसे जुडी कहानियां हमे मिली और हम बैठ गए लिखने उन्हें आप तक पहुचाने के लिए शायद ही आप यकीं करे हमने जैसे ही उन्हें लिखने की कोशिश की हम उन्हें लिख न सके कुछ न कुछ बुरा हमारे साथ होने लगा, फिर भी हम जिद पकड़ कर बैठ गए की उन्हें आप तक जरुर पहुचाएंगे, दोस्तों हमे खेद है की फ़िलहाल हम उन कहानियों को आप तक नहीं पंहुचा सकते क्योंकि अभी तक उन कहानियों के विषय में लिखने से हमारे साथ कुछ न कुछ अजीबोगरीब वाकिये होने लगते हैं, दोस्तों जब हमारा ये हाल है तो जरा सोचिये उनका क्या होगा जिन्होंने इसे अपने जीवन में जाने कितना सहा है। 


    दोस्तों मेरी एक सहेली है शिल्प (काल्पनिक नाम ) उसके साथ इन अनहोनी घटनाओ के तहत जो कुछ हुआ उसने हमे बताया और हमने उसे यहाँ इस लेख में लिख कर आप तक पहुचाने की कोशिश की पर हमारे साथ भी कुछ अजीब हादसे होने लगे, अचानक घर में किसी की छवि नज़र आने लगी जो एक पल में गायब हो जाती थी दरवाज़े पर किसी की दस्तक होती और दरवाज़ा खोलने पर कोई न होता, घर में परिवार वालों की शक्ल में कोई आता जबकि घर वाले कहते वो तो उस वक्त वह मौजूद ही नहीं थे,  ऐसे ही न जाने कितने हादसे हमारे साथ खुद होने लगे हमे ऐसा लगने लगा की कोई शक्ति है जो नहीं चाहती की उसके विषय में हम लिखे, वो नहीं  चाहती है की कोई उसके काम में हस्तछेप करे, दोस्तों मेरी सहेली इस वक्त बहुत दुखी है उसके साथ ये अनहोनी घटनाये अभी बंद नहीं हुई है यदि मेरे इस लेख को पड़ने के बाद आप उसकी कोई मदद कर सकते हों तो कृपया मुझे कमेंट के द्वारा बताये..




हार्दिक अभिनन्दन 
         अर्चु 



हर दफा दिल की सुनते हैं


 
लोग कहते है हम हर दफा दिल की सुनते हैं , बहुत जल्द हर शख्स को दिल में बसा लेते हैं,  हम चाहे हो जितने भी मजबूर पर दिल की गहराईयों में हर किसी को समां लेते हैं, इतनी मोहब्बत लुटाते हैं जहाँ में की दुश्मन को भी दोस्त बना लेते हैं, हमारी इसी बात पे तो सभी फ़िदा होते हैं, पर जाने क्यों हमारी इसी अदा से हमारे अज़ीज़ ही हमसे खफा रहते  हैं, लोगों को लाते हैं हम करीब दूरिय दिलों की मिटाने के लिए पर जो है इस दिल के सबसे करीब जाने क्यों वो ही हमसे हर दफा दूर जाने लगते है।