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Saturday, 5 August 2017

गीत-मोहब्बत मैंने भी की है

"ज़िन्दगी की एक बस खता ये मैंने की है
एक बेवफा से मोहब्बत मैंने भी की है-२

लुटाई थी हर खशी उसे अपना समझ कर
भुला गया मुझे वो एक सपना समझ कर

चाहा था उसको ये ज़िन्दगी समझ कर
दिल में बसाया था धड़कन समझ कर

ज़िन्दगी की एक बस.....................

ना सोचा ना समझा था मोहब्बत में मैंने
एक बेवफा से आशिकी मैंने की है

तोड़ गया दिल मेरा वो शीशा समझ कर
छोड़ गया तनहा मुझे हर मोड़ पर

ज़िन्दगी से अपनी एक बस शिकायत यही है
क्यों उस बेवफा से मैंने मोहब्बत हाँ की है

लबो से छीनी उसने मुस्कान मेरे
छीनी हर ख़ुशी उसने ज़िन्दगी से मेरे

मोहब्बत में झूठे ख्वाब दिखाता था
मोहब्बत के झूठे वादे निभाता था

अश्को की अपनी आज ये कहानी लिखी है
उनकी बेवफाई की बस ये बयानी लिखी है
क्या क्या कहु क्या मैं छिपाउ अब किसीसे
टूटे दिल की दास्ताँ अपनी जुबानी लिखी है

ज़िन्दगी की एक बस खता ये मैंने की है
एक बेवफा से मोहब्बत मैंने भी की है-४"

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