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Thursday, 8 July 2021

तुझे बुलाती है

 तेरी याद में पलकें मेरी भीग जाती हैं

इस भीड़ में तेरी याद मुझे सताती है


तु खुश है तड़पा कर मुझे इतना कैसे

बिन तेरे ज़िस्म से रुह निकल जाती है


काश तू समझ सकता मेरे ज़ज़्बातों को

बिन तेरे देख मेरी आँख भर आती हैं


तोड़ कर चला गया दिल मेरा तू ऐसे

मेरी हर धड़कन फिरभी तुझे बुलाती है

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