Sunday, 27 November 2011

क्यों हल चल सी है दिल में

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 "क्यों हल चल सी है दिल में, 
क्यों ये मेरा दिल  बेक़रार है
 है  तू नही मेरे पास फिर भी 
मुझे तुझसे ही प्यार क्यों है-2

क्यों है मुझे हर पल सिर्फ 
तेरा ही इंतज़ार, 
क्यों तड़पता है तुझे याद कर
 मेरा ये दिल बार बार 







सोचती हूँ मैं जैसे तड़पता है

 मेरा ये दिल सिर्फ तेरे लिए ,
 क्या तेरा भी  दिल तडपा है 
कभी मेरे लिए, 

क्या हुआ तू भी है कभी बेकरार यु  मेरे लिए, 
क्या खोयी है नींद तुने भी अपनी सिर्फ मेरे लिए,

 क्या तेरा दिल भी धड़का है कभी मेरे लिए 
क्या हुआ तू भी है कभी इस तरह बैचेन मेरे लिए, 

क्या कभी की है फरियाद रब से मुझसे मिलन की
 क्या रखी है लाज तूने भी अपने हर वचन की

क्या आये हैं तेरी आँखों में अश्क कभी सिर्फ मेरे लिए, क्या रोया  है तू भी छिप कर कहीं कभी मेरे लिए,



क्यों हल चल सी है दिल में..........................


 ऐ  मेरे दिलबर ये तो बता तुने कभी मुझे चाहा है इस कदर 

अपनी जिंदगी लुटा  सके मुझपे इस कदर, 

कर दे मुझपे कुर्बान अपना सब कुछ, 
लुटा दे सके तो लुटा दे मुझपे अपना हर पल तू, 
थाम कर हाथ मेरा ले चल अपने साथ तू

दे मुझे इतना प्यार की हर कोई कहे देख कर तुझे आशिक हो तो सिर्फ तेरी तरह, 


 नहीं मांगती तुझसे मैं वो दुनिया की दौलत,
 बस मांगती हूँ साथ तेरा जो हो मेरे पास हर पल, 

चाहे हर लम्हा मुझे अपनी तू दुनिया समझ कर 
मैं मैं चाहू तुझे अपना रब समझ कर



मिले मुझे इतना प्यार तुझसे बेपनाह, 

 आ बाहों में ले तू तुझे बना ले अब अपना

 रहे पास मेरे हमेशा अपना हक़ समझ के, 
न जाये तू मुझसे कभी यूँ रूठ के ,

 न जुदा हो मैं तुझसे कभी,!
मेरी साँसों में रहे तू सदा

तेरे  दिल में रहू मैं सदा, 

रहे ये प्यार हमारे बीच सदा इस तरह 
जैसे दो जिस्म  हो मगर  हो 
एक जान  इस तरह, 
न तू हो मुझसे दूर कभी 
न जाऊ मैं तुझसे कही दूर कभी,

करती हूँ उस रब से ये फ़रियाद बार बार,

हर जन्म में बनू   बस तेरी मेरे यार

 तेरे दिल में हर पल सिर्फ  मैं ही रहू,
करती हूँ रब से बस ये ही एक फ़रियाद ,

कर ले वो इसे स्वीकार,
 करते रहे हम
 ऐसे ही  मोहब्बत बेशुमार!


क्यों हल चल सी है दिल में, 

क्यों ये मेरा दिल  बेक़रार है, 
 तू नही मेरे पास फिर भी मुझे
 तुझसे ही प्यार क्यों है, 

क्यों है मुझे हर पल
 सिर्फ तेरा ही इंतज़ार, 
क्यों तड़पता है तुझे याद कर
 के मेरा ये दिल बार बार-२

क्योँ हलचल सी है............-२"





Thursday, 24 November 2011

Jindgi se koi ummid nhi bachi h

Jindgi se koi ummid nhi bachi h, jise apna samjha usi ne daga muje di h, g chahta h gale laga k muje poche aansu mere koi, kahi mil jaye aur seene se laga le muje koi, h pta muje jahan me koi nhi aisa mere liye, siwa uss khuda k jisne abi tak h taar meri sanso k meri zindagi se baandhe huye....

Na samjhna meri bato se behaka hua muje


Na samjhna meri bato se behaka hua muje, behake to tab the jab kise k huye the, gam aur aansu usse muje behisab mile the, mili muje par lamha begunah hone ki ye saza, tabi ab maine ye faisla h kiya, chhod du jamane ko ab, laga lu khud ko prabhu ki sewa mein ab, kho jau unke pyar me, bhula du puri duniya ko ab..

Toot kar yu bikhar gaye hm


Toot kar yu bikhar gaye hm, unke paas aa kar dur ho gaye hm, tha ek sapna zindagi me unse ek mulakat ka, jab aaya wo lamha to wo kahne lage na mil sakenge tumse kabi hm, kya hui khata mujhse ae khuda tu mujhe bata de, q paas kar iss kadar dur huye hm........

Jisse apna samjte rhe


Jisse apna samjte rhe wo begane nikle, jo sang khwaab unke dekhe wo gam k afsane nikale, jitni mili muskan unse muje wo zinadgi bhar k dard-e-dastan nikle,
ae khuda h sawal mera tujse, kya gamo ki kami thi meri zindgi me jo unhe meri zindagi mein la  kar ashko bhare paigan tune mere naam likhe.....

Uski khushi k liye hmne hasna chhod diya


Uski khushi k liye hmne hasna chhod diya, uski chahat me hmne khud ko gamo k saagar me dubo diya, uski khushi k liye hmne jaam ka haath thaam liya, uski khushi k liye hmne apne ashko ko chhipa liya,
uski khushi k liye uski bewafai ko bhi wafa-e-zindagi bana diya, uski khushi k liye kurban kr di apni puri zindagi, par afsos hmari jaan lene k baad bhi uske laboon pe koi muskurahat fir b na la sake hm mere yaar.....

Pyar ko pyar se har lamha pyaar ki ye saza do..


Pyar ko pyar se samja do, pyar ko pyar se fusla do, Pyar ko pyar se behka do, Pyar ko pyar se duri bna lo, Pyar ko pyar se aansuo k samndar me dubo do
, Pyar ko pyar se bewafai do, Pyar ko pyar se tadap har lamha do, Pyar ko pyar se har lamha pyaar ki ye saza do, pyaar ko pyaar se hi har rishta tod do..