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Monday, 28 November 2011
Sunday, 27 November 2011
क्यों हल चल सी है दिल में
"क्यों हल चल सी है दिल में,
क्यों ये मेरा दिल बेक़रार है
है तू नही मेरे पास फिर भी
मुझे तुझसे ही प्यार क्यों है-2
क्यों है मुझे हर पल सिर्फ
तेरा ही इंतज़ार,
क्यों तड़पता है तुझे याद कर
मेरा ये दिल बार बार
सोचती हूँ मैं जैसे तड़पता है
मेरा ये दिल सिर्फ तेरे लिए ,
क्या तेरा भी दिल तडपा है
कभी मेरे लिए,
क्या हुआ तू भी है कभी बेकरार यु मेरे लिए,
क्या खोयी है नींद तुने भी अपनी सिर्फ मेरे लिए,
क्या तेरा दिल भी धड़का है कभी मेरे लिए
क्या हुआ तू भी है कभी इस तरह बैचेन मेरे लिए,
क्या कभी की है फरियाद रब से मुझसे मिलन की
क्या रखी है लाज तूने भी अपने हर वचन की,
क्या आये हैं तेरी आँखों में अश्क कभी सिर्फ मेरे लिए, क्या रोया है तू भी छिप कर कहीं कभी मेरे लिए,
क्यों हल चल सी है दिल में..........................
ऐ मेरे दिलबर ये तो बता तुने कभी मुझे चाहा है इस कदर
अपनी जिंदगी लुटा सके मुझपे इस कदर,
कर दे मुझपे कुर्बान अपना सब कुछ,
लुटा दे सके तो लुटा दे मुझपे अपना हर पल तू,
थाम कर हाथ मेरा ले चल अपने साथ तू
दे मुझे इतना प्यार की हर कोई कहे देख कर तुझे आशिक हो तो सिर्फ तेरी तरह,
नहीं मांगती तुझसे मैं वो दुनिया की दौलत,
बस मांगती हूँ साथ तेरा जो हो मेरे पास हर पल,
चाहे हर लम्हा मुझे अपनी तू दुनिया समझ कर
मैं मैं चाहू तुझे अपना रब समझ कर
मिले मुझे इतना प्यार तुझसे बेपनाह,
आ बाहों में ले तू तुझे बना ले अब अपना
रहे पास मेरे हमेशा अपना हक़ समझ के,
न जाये तू मुझसे कभी यूँ रूठ के ,
न जुदा हो मैं तुझसे कभी,!
मेरी साँसों में रहे तू सदा
तेरे दिल में रहू मैं सदा,
रहे ये प्यार हमारे बीच सदा इस तरह
जैसे दो जिस्म हो मगर हो
एक जान इस तरह,
न तू हो मुझसे दूर कभी
न जाऊ मैं तुझसे कही दूर कभी,
करती हूँ उस रब से ये फ़रियाद बार बार,
हर जन्म में बनू बस तेरी मेरे यार
तेरे दिल में हर पल सिर्फ मैं ही रहू,
करती हूँ रब से बस ये ही एक फ़रियाद ,
कर ले वो इसे स्वीकार,
करते रहे हम
ऐसे ही मोहब्बत बेशुमार!
क्यों हल चल सी है दिल में,
क्यों ये मेरा दिल बेक़रार है,
तू नही मेरे पास फिर भी मुझे
तुझसे ही प्यार क्यों है,
क्यों है मुझे हर पल
सिर्फ तेरा ही इंतज़ार,
क्यों तड़पता है तुझे याद कर
के मेरा ये दिल बार बार-२
क्योँ हलचल सी है............-२"
क्यों ये मेरा दिल बेक़रार है
है तू नही मेरे पास फिर भी
मुझे तुझसे ही प्यार क्यों है-2
क्यों है मुझे हर पल सिर्फ
तेरा ही इंतज़ार,
क्यों तड़पता है तुझे याद कर
मेरा ये दिल बार बार
सोचती हूँ मैं जैसे तड़पता है
मेरा ये दिल सिर्फ तेरे लिए ,
क्या तेरा भी दिल तडपा है
कभी मेरे लिए,
क्या हुआ तू भी है कभी बेकरार यु मेरे लिए,
क्या खोयी है नींद तुने भी अपनी सिर्फ मेरे लिए,
क्या तेरा दिल भी धड़का है कभी मेरे लिए
क्या हुआ तू भी है कभी इस तरह बैचेन मेरे लिए,
क्या कभी की है फरियाद रब से मुझसे मिलन की
क्या रखी है लाज तूने भी अपने हर वचन की,
क्या आये हैं तेरी आँखों में अश्क कभी सिर्फ मेरे लिए, क्या रोया है तू भी छिप कर कहीं कभी मेरे लिए,
क्यों हल चल सी है दिल में..........................
ऐ मेरे दिलबर ये तो बता तुने कभी मुझे चाहा है इस कदर
अपनी जिंदगी लुटा सके मुझपे इस कदर,
कर दे मुझपे कुर्बान अपना सब कुछ,
लुटा दे सके तो लुटा दे मुझपे अपना हर पल तू,
थाम कर हाथ मेरा ले चल अपने साथ तू
दे मुझे इतना प्यार की हर कोई कहे देख कर तुझे आशिक हो तो सिर्फ तेरी तरह,
नहीं मांगती तुझसे मैं वो दुनिया की दौलत,
बस मांगती हूँ साथ तेरा जो हो मेरे पास हर पल,
चाहे हर लम्हा मुझे अपनी तू दुनिया समझ कर
मैं मैं चाहू तुझे अपना रब समझ कर
मिले मुझे इतना प्यार तुझसे बेपनाह,
आ बाहों में ले तू तुझे बना ले अब अपना
रहे पास मेरे हमेशा अपना हक़ समझ के,
न जाये तू मुझसे कभी यूँ रूठ के ,
न जुदा हो मैं तुझसे कभी,!
मेरी साँसों में रहे तू सदा
तेरे दिल में रहू मैं सदा,
रहे ये प्यार हमारे बीच सदा इस तरह
जैसे दो जिस्म हो मगर हो
एक जान इस तरह,
न तू हो मुझसे दूर कभी
न जाऊ मैं तुझसे कही दूर कभी,
करती हूँ उस रब से ये फ़रियाद बार बार,
हर जन्म में बनू बस तेरी मेरे यार
तेरे दिल में हर पल सिर्फ मैं ही रहू,
करती हूँ रब से बस ये ही एक फ़रियाद ,
कर ले वो इसे स्वीकार,
करते रहे हम
ऐसे ही मोहब्बत बेशुमार!
क्यों हल चल सी है दिल में,
क्यों ये मेरा दिल बेक़रार है,
तू नही मेरे पास फिर भी मुझे
तुझसे ही प्यार क्यों है,
क्यों है मुझे हर पल
सिर्फ तेरा ही इंतज़ार,
क्यों तड़पता है तुझे याद कर
के मेरा ये दिल बार बार-२
क्योँ हलचल सी है............-२"
Thursday, 24 November 2011
Na samjhna meri bato se behaka hua muje
Na samjhna meri bato se behaka hua muje, behake to tab the jab kise k huye the, gam aur aansu usse muje behisab mile the, mili muje par lamha begunah hone ki ye saza, tabi ab maine ye faisla h kiya, chhod du jamane ko ab, laga lu khud ko prabhu ki sewa mein ab, kho jau unke pyar me, bhula du puri duniya ko ab..
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