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Sunday, 22 January 2012
Friday, 20 January 2012
unhe bhi mujhse mohabbat hogiiiiiiiii........................
socha
na tha iss kadar unse yu mulakat hogi, socha na ki fir koi baat hogi,
chupke se dil mein bass gaye wo, jaane kaise mann ko jachh gaye wo, ab
tak rakhi thi doori jisse jaane kaise wo hi baat ho gayiii, hme to
unse mohabbat ho gayi, rahne lage dil mein mere wo, meri to har dhadkan
mein bas gaye wo, meri ab har shaam unke naam ho gayi,mujhe bas unse
mohabbat ho gayii, jaane wo mujhe chaahe ya na chahe, hai aitbaar mujhe
ek din unhe bhi meri jarurat hogi, unhe bhi mujhse mohabbat
hogiiiiiiiii........................
सोचता है मेरा ये दिल बार-बार
सोचता
है मेरा ये दिल बार-बार क्यों होता है हमे किसी अजनबी से प्यार, क्यों
रहता है सिर्फ उसके लिए ही ये दिल बेकरार, क्यों होता है बस उससे ही
बार-बार मिलने का इंतज़ार, क्यों कोई अजनबी ऐसे दिल में आ जाता है,
जो कर के अपनों से दूर उसके पास ले आता है , क्यों तोड़ देते हैं रिश्ते अपनों के उस गेर के लिए ,कहते है वो की ये तो दिल का मामला है, पर अगर ये सच में दिल का मामला है तो प्यार में पड क्यों अपनों का ही दिल तोड़ देते हैं,क्या प्यार वो उनसे नहीं करते जिनका दिल तोड़ कर उस अजनबी से मोहब्बत किया वो करते हैं,
क्यों भुला देते हैं लोग अपनों की वो बाते जिन्होंने जाने कितने है दर्द सह कर खुशियों के पल थे उन्हें दिए, पर उस अजनबी के साथ को हर ख़ुशी मान कर क्यों अपनों के त्याग को भुला कर उस अजनबी के हो जाते हैं लोग ,क्यों उस अजनबी की मीठी बातो में आ कर अपनों से दूर चले जाते हैं लोग ,
क्या इसी का नाम है प्यार जो एक तरफ दिल का रिश्ता है कहलाता तो दूसरी तरफ है अपनों का ही दिल दुखाता ,सोचता है ये दिल मेरा बार-बार प्यार तो सुना था कि एक नाम है त्याग का , प्यार तो नाम है दिलो को जोड़ने के एक हसीं अहसास का ,
पर क्यों ये अपनों से ही हमे ये जुदा करता है, क्यों किसी गेर को अपना बनाते हुए हमे अपनों को ही खोना पड़ता है ,
क्या इसी का नाम प्यार है, क्या ये ही मोहब्बत का संसार है सोचता है मेरा ये दिल बार-बार क्या इसी का नाम प्यार ।
जो कर के अपनों से दूर उसके पास ले आता है , क्यों तोड़ देते हैं रिश्ते अपनों के उस गेर के लिए ,कहते है वो की ये तो दिल का मामला है, पर अगर ये सच में दिल का मामला है तो प्यार में पड क्यों अपनों का ही दिल तोड़ देते हैं,क्या प्यार वो उनसे नहीं करते जिनका दिल तोड़ कर उस अजनबी से मोहब्बत किया वो करते हैं,
क्यों भुला देते हैं लोग अपनों की वो बाते जिन्होंने जाने कितने है दर्द सह कर खुशियों के पल थे उन्हें दिए, पर उस अजनबी के साथ को हर ख़ुशी मान कर क्यों अपनों के त्याग को भुला कर उस अजनबी के हो जाते हैं लोग ,क्यों उस अजनबी की मीठी बातो में आ कर अपनों से दूर चले जाते हैं लोग ,
क्या इसी का नाम है प्यार जो एक तरफ दिल का रिश्ता है कहलाता तो दूसरी तरफ है अपनों का ही दिल दुखाता ,सोचता है ये दिल मेरा बार-बार प्यार तो सुना था कि एक नाम है त्याग का , प्यार तो नाम है दिलो को जोड़ने के एक हसीं अहसास का ,
पर क्यों ये अपनों से ही हमे ये जुदा करता है, क्यों किसी गेर को अपना बनाते हुए हमे अपनों को ही खोना पड़ता है ,
क्या इसी का नाम प्यार है, क्या ये ही मोहब्बत का संसार है सोचता है मेरा ये दिल बार-बार क्या इसी का नाम प्यार ।
Kaun Hoon Main
waqt ki kitaab mein apna astitva dhoondti hoon main, kaun hoon main,ek bujha huaa chirag hoon ya ek adhoora khwaab hoon main, duniya ko nahi jarurat meri kyon aaj iss kadar yu bebas hoon main, waqt ki kitaab mein apna astitva dhoonti hoon main, dekhe the khwaab maine bhi aasman chhune ke liye, socha tha maine bhi kabhi kuch haasil karne ke liye, jalta tha kabhi mere seene bhi ek chiraag ummido ka, himmat thi mujhme duniya jeet lene ki, par halaat se iss kadar haar gayi,gerro se nahi apno se main laachar huiii, tha aitbaar uss rab pe jitna, ussi k faisle se meri duniya barbaad huii, kahte hai log jo huaa achha huaa, par kya jaane wo naadan, meri to ab har khushi uss waqt ki kitaab mein dafan hai ho chuki,bujh gaya mere seene se ummido se jaltawo chirag,rah gaye meri aankho mein wo adhoore khwaab, na ab kabhi fir se koi lau uthegi aur na koi chingari mere bujhe huye diye ko fir se jala sakegi, ye khwaab jo dekhe the meri aankh ne na ho sakenge poore, ye zindagi meri bas ye sawal poochtee rahegi baar baar " kaun hoon main..............,"
Wednesday, 18 January 2012
milan
Milna hi har baar milan nhi kahlata, juda ho kar har rishta nhi toot jata, jo bante h rishte dil se dil k unhe waqt k toofano se wo rab har pal h bachata, kisi ko pa lene ka naam hi chahat nhi, kabi- kabi gam-e-judai ko jeevan bhar sehana hi pyaar h kehlata.....
प्यार
कुछ पल की ख़ुशी दे ज़िन्दगी भर रुलाता है ये प्यार , गेरो को अपना बता कर अपनों से दूरी बना लेता है ये प्यार , लगता है मोहब्बत करने वालो को सब कुछ है उनके लिए तो बस उनका यार, ये ही सोच कर हर रिश्ते से दूर कर देता है ये प्यार, ज़िन्दगी का एक हसींन ख्वाब दिखा कर दिल में झूठी उम्मीद जगा कर एक दिन दिल को तोड़ कर दूर चला जाता है वो यार जिससे होता प्यार बेशुमार ।
Na aise rutho
Na aise rutho hmse, na aise dur jao, hai pta aapko aise hi hain hm, na hmko yu tadpao....
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