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Thursday, 8 April 2021

Thursday, 1 April 2021

मेरी कविता

 हँसा कर मुझे कभी रूला मत जाना

पास आ कर अब फ़िर दूर मत जाना


तुम्हें अपना माना है दिल से मैंने तो

दिल मेरा कभी यु तोड़ मत जाना


जो रूठो तुम तो मनाउ फ़िर तुम्हें मैं

पर मुझ से कभी तुम मुँह मोड़ मत जाना



शायरी

 आज फ़िर कोशिश की कोई बहाना करने की

ख्वाइश हुई आज फ़िर कोई तराना कहने की


सोचा दिल की हर बात कह दूं तुझ से आज

ख्वाइश हुई आज फ़िर दिल आशिकाना करने की





Romantic mix sad shayri

 दिल पूछता है मेरा ये हर बार

आखिर क्यों होता है प्यार
टूटता है दिल मोहब्बत में 
फ़िरभी रहता है उनके लिए बेक़रार