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Thursday, 1 April 2021

शायरी

 आज फ़िर कोशिश की कोई बहाना करने की

ख्वाइश हुई आज फ़िर कोई तराना कहने की


सोचा दिल की हर बात कह दूं तुझ से आज

ख्वाइश हुई आज फ़िर दिल आशिकाना करने की





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