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Thursday, 1 April 2021

मेरी कविता

 हँसा कर मुझे कभी रूला मत जाना

पास आ कर अब फ़िर दूर मत जाना


तुम्हें अपना माना है दिल से मैंने तो

दिल मेरा कभी यु तोड़ मत जाना


जो रूठो तुम तो मनाउ फ़िर तुम्हें मैं

पर मुझ से कभी तुम मुँह मोड़ मत जाना



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