यदि किसी के साथ हम भला करते हैं तो न तो इसका गुनगान करो न ही अपने मुह से अपनी तारीफ करो,
याद रखो किसी का बुरा तुम अवस्य कर सकते हो किन्तु भला करने वाले तुम नही अपितु वो परमेश्वर एंव उस प्राणी का भाग्य है, यदि तुम किसी की भलाई के काबील होते तो क्या संसार मैं दुख भोग कर अपने पूर्व जन्मों का फल जीव भोग रहा होता,
हमने किसी का भला किया इसलिये नही हम इसके काबिल थे अपितु हमें उस परमेश्वर ने उस जीव की सहायता हेतु चुना अनियथा जाने अनजाने कितने निरदोष जीव हमारे द्वारा मारे जाते है,
इसलिये मानव के केवल उसके पाप ही अपने है अन्यत्र कुछ नही उसका पुन्य भी नही!!
याद रखो किसी का बुरा तुम अवस्य कर सकते हो किन्तु भला करने वाले तुम नही अपितु वो परमेश्वर एंव उस प्राणी का भाग्य है, यदि तुम किसी की भलाई के काबील होते तो क्या संसार मैं दुख भोग कर अपने पूर्व जन्मों का फल जीव भोग रहा होता,
हमने किसी का भला किया इसलिये नही हम इसके काबिल थे अपितु हमें उस परमेश्वर ने उस जीव की सहायता हेतु चुना अनियथा जाने अनजाने कितने निरदोष जीव हमारे द्वारा मारे जाते है,
इसलिये मानव के केवल उसके पाप ही अपने है अन्यत्र कुछ नही उसका पुन्य भी नही!!
No comments:
Post a Comment