"तू ही ज़िन्दगी है, तू जीने की वजह है,
देखु मैं जहाँ भी, तू ही हर जगह है-२
दूर तुझसे हो कर, क्यों मैं दूर नही हूँ,
जुदा तुझसे हो कर, जुदा तुझसे नही हूँ,
है ये कैसी लगन, जुड़ा तुझसे हर कही हूँ,
हूँ तेरा दीवाना, तू देख मैं वही हूँ,
लेता हूँ, तेरा ही नाम रब से पहले
ऐ मेरे हमनशीं, तू ही तो मेरी बन्दगी है,
तू ही ज़िन्दगी है...........................
शामो-सुबह बस, तुझे ही पुकारता हूँ
हर घडी मैं तो, तेरी ही राह देखता हूँ,
बंजर सी ज़िन्दगी में, बहार तुम लायी हो
किस्मत से मुझे तुम, यार मिल पायी हो-२,
तनहा थी ज़िन्दगी मेरी, ऐ मेरे हमदम
तुमसे मिली हर ख़ुशी, ऐ मेरे सनम,
तेरी ही चाहत के, जादू का असर है
तुझमें ही बसती, मेरी जान हर पहर है-२
है कितनी भोली, तेरी ये सूरत
है मासूम सी अदा, और कितनी सादगी है,
--
Thanks and Regards
*****Archu*****
देखु मैं जहाँ भी, तू ही हर जगह है-२
दूर तुझसे हो कर, क्यों मैं दूर नही हूँ,
जुदा तुझसे हो कर, जुदा तुझसे नही हूँ,
है ये कैसी लगन, जुड़ा तुझसे हर कही हूँ,
हूँ तेरा दीवाना, तू देख मैं वही हूँ,
लेता हूँ, तेरा ही नाम रब से पहले
ऐ मेरे हमनशीं, तू ही तो मेरी बन्दगी है,
तू ही ज़िन्दगी है...........................
शामो-सुबह बस, तुझे ही पुकारता हूँ
हर घडी मैं तो, तेरी ही राह देखता हूँ,
बंजर सी ज़िन्दगी में, बहार तुम लायी हो
किस्मत से मुझे तुम, यार मिल पायी हो-२,
तनहा थी ज़िन्दगी मेरी, ऐ मेरे हमदम
तुमसे मिली हर ख़ुशी, ऐ मेरे सनम,
तेरी ही चाहत के, जादू का असर है
तुझमें ही बसती, मेरी जान हर पहर है-२
है कितनी भोली, तेरी ये सूरत
है मासूम सी अदा, और कितनी सादगी है,
तू ही ज़िन्दगी है, तू जीने की वजह है,
देखु मैं जहाँ भी, तू ही हर जगह है--४"
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Thanks and Regards
*****Archu*****
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