"में तुझमें और तुम मुझमे रहते हो
दूर जा कर भी क्यों पास होते हो
क्या ये जादू किया है तुमने सनम
पल-पल सजन मेरे दिलमे रहते हो
खुद को किया दूर तुमसे जितना भी
करीब उतना ही हर बार होते हो
पूछती है'मीठी'क्या इश्क है तुमसे
हर 'ख़ुशी' में हमदम तुम्ही होते हो
ख्वाब कहु तुम्हें या तुम हो हकीकत
दिल की धड़कन में तुम धड़कते हो
किया तुमने हमे खुद से दूर जब भी
छिप छिप के सनम तब तुम्ही रोते हो
पहचान लेते हो अश्क मेरी आखो के
भीगी इन पलको को तुम पोछ देते हो
कैसे कहु तुम्हें तुम हो जुदा मुझसे
तुम्ही तो दो ज़िस्म एक जान कहते हो
में तुझमें और तुम मुझमे रहते हो
दूर जा कर भी क्यों पास होते हो-२"
दूर जा कर भी क्यों पास होते हो
क्या ये जादू किया है तुमने सनम
पल-पल सजन मेरे दिलमे रहते हो
खुद को किया दूर तुमसे जितना भी
करीब उतना ही हर बार होते हो
पूछती है'मीठी'क्या इश्क है तुमसे
हर 'ख़ुशी' में हमदम तुम्ही होते हो
ख्वाब कहु तुम्हें या तुम हो हकीकत
दिल की धड़कन में तुम धड़कते हो
किया तुमने हमे खुद से दूर जब भी
छिप छिप के सनम तब तुम्ही रोते हो
पहचान लेते हो अश्क मेरी आखो के
भीगी इन पलको को तुम पोछ देते हो
कैसे कहु तुम्हें तुम हो जुदा मुझसे
तुम्ही तो दो ज़िस्म एक जान कहते हो
में तुझमें और तुम मुझमे रहते हो
दूर जा कर भी क्यों पास होते हो-२"
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