ईश्वर कहते हैं, " यद्धपि तुम मुझे यहाँ वहाँ ढूंढते हो, लेकिन तुम मुझ परमात्मा का एक अंश हो इसलिए मैं तुम्हारे अंदर ही हूँ, तुम केवल भौतिकता को देखते और सत्य मानते हो किंतु जो भौतिक है वो सत्य नही।
ये न भूलो जो भौतिक है भले ये असीम ब्रह्मांड ही सही सब नाशवान है किँतु जो दिखता नही वही सत्य है जैसे तुम्हारी आत्मा दिखती नही किंतु वही सत्य है,
जैसे धरती पर प्राणवान वायु दिखती नही किन्तु उसके बिना जीवन संभव नही जैसे तुम्हारे शरीर की शक्ति दिखती नही किंतु यदि न हो तुम्हारे अंदर तो तुम हिल तक न सकोगे।
हे मनुष्यों यद्धपि देश, काल, परिस्थिति के अनुरूप मेरे ही अंशो ने धरतीपर जन्म लिया और मानवता की पुनः नीव रखी जब जब मानवता का ह्रास का हुआ।
यद्धपि मेरे ही अंशो द्वारा तुम्हें निम्न ज्ञान दिया हो किंतु प्राचीन ज्ञान का सार मात्र है ये नवीन ज्ञान किंतु यदि तुम मेरे और अपने विषय मे और अधिक जानना चाहते हो तो आध्यात्म के साथ साथ सम्पूर्ण विश्व के समस्त नवीन व प्राचीन घ्यान व धार्मिक पुस्तकों को का अध्ययन करो व विश्वास करो न कि सिर्फ उस एक पुष्तक का जिसके तुम अनुयायी हो क्योंकि मैं इतना छोटा नही कि अपनी बातें सिर्फ एक दो तीन पुष्टको में सिमट के रह जाऊ ।
हे मनुष्यों इस तरह तुम कुछ हद तक मेरे विषय मे जान सकते हो, ये न भूलो संसार का कोई भी ज्ञान असत्य नही और न ही नवीन न ही प्राचीन।।"
कल्याण हो
Archana Mishra
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