बस तेरे ही इश्क में जीना है
सिर्फ तेरे ही इश्क मे मरना हे
ऐ मेरे हमदम ,आज हमे
बस कुछ, ऐसा करना है
है अधूरी ज़िंदगी बिन तेरे, ओ सनम
बिन तेरे अब तो , मुझे नही रहना है
हू दूर तुझसे बहुत में, ऐ मेरे हमनशि
जुदाई का ये जहर, अब नही पीना है
तू है दरिया ,मै नदी की धारा हूं
संग तेरे अब , मुझे बस बहना है
'मीठी 'सी तेरी याद मुझे सताती है
तूही है 'खुशी' मेरी तुझसे ये कहना है
बस तेरे ही इश्क में जीना है
सिर्फ तेरे ही इश्क मे मरना हे
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