फ़िर वक़्त वो ....पुराना बहुत याद आता है
गुजरा वो बीता....ज़माना बहुत सताता है
है पता मुझे....न लौटेंगे वो पल फ़िर कभी
वो रूठे हम ....तेरा मनाना बहुत याद आता है
खुशियों का वो..खज़ाना बहुत याद आता है
संग तेरे यु घर ..को सज़ाना बहुत याद आता है
हर लम्हे जो ....जिये संग मैंने कभी तुम्हारे
मोहब्बत मे तेरा..यु सताना बहुत याद आता है
हँसा कर फ़िर..यु रुलाना बहुत याद आता है
रुला कर तेरा..फ़िर यु हसाना बहुत याद आता है
साथ तेरा चलना ..और फ़िर दूर मुझसे जाना
फ़िर जुदाई का ..तेरा बहाना बहुत याद आता है
जीवन की जीत मे ..फिर तुझे हराना बहुत याद आता है
मेरी हार पर मुझे ..फ़िर तेरा समझना बहुत याद आता है
जो है आज "मीठी" ..तेरी ही वज़ह से तो है बस अब
पल-पल "खुशी" ..का फ़िर वो तराना बहुत याद आता है
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