Friday, 9 May 2014

मुझे बहुत रुलाया है

"इस दिल को हर शख्स ने दुखाया है, गेरो ने ही नही अपनोने भी मुझे सताया, खुशी की इबादत करते थे खुदा से बस हम पर दे कर गम-आए-तन्हाई इस ज़िंदगी मे उस रब ने भी मुझे बहुत रुलाया है"

big crime being a woman

"only a woman can do everything for her family as wife, as daughter, sister, a woman can do everything for her best friend, boyfriend, husband, brother, father, mother, sister, animals, birds, nature but what she gets? only tears, only salt water in her eyes life long for her sacrifices, great it's crime being a woman as mother, wife, sister, friend, girlfriend, neighbor and everything, it's a big crime being a woman specially in India
 (mera Bharat Mahan)(°¥°)"

जीने की वज़ह नही रही इस ज़िंदगी

"जीने की वज़ह नही रही इस ज़िंदगी मे पर मरने के सौ बहाने ह्म तलाशते हैं"

Wednesday, 7 May 2014

लिखते हो तुम कागज़ और कलम से

किसी ने पूछा हमसे क्या लिखते हो तुम कागज़ और कलम से या बिगो देते हो कागज़ को अपने अश्को की दवात से और लिखते हो अपने दर्द भरे दिल की इस कलम से , 
हमने उन्हें बताया लिखते तो है हम कागज़ और कलम से पर है जो गम मेरे ह्रदय की गहराई में वो ही कमबख्त अश्क बन कर निकल आता है,

 मेरे  नेनो  हो कर   हर कागज़ को मेरे आंसुओ की दवात भिगो जाता है,
 और इस दिल के दर्द भरे कलम से मेरी ज़िन्दगी के अफ़साने लिख जाता है… 

मुझे ही क्यों मिला बेवफा यार हर बार.





दिल पूछता है ये मेरा बार-बार आखिर मुझे ही क्यों मिला बेवफा यार हर बार, क्या की ऐसी खता मैंने ऐ खुदा तू ही मुझे अब बता,

क्या हुई भूल ऐसी जो झूठा सनम मुझे ही मिला हज़ार-बार,आखिर थी क्या वज़ह ऐ खुदा तू ही मुझे अब बता जो दिल के इस रिश्ते में दोखा मुझे युः ही मिला हर बार ,

दिल पूछता है ये मेरा क्यों फरेबी आशिक मुझे ही मिला बार-बार, क्यों दिल से खेलने वाला ही हर शख्स मिला मुझे ही यु सेंकडो बार,

दिल पूछता है ये मेरा बार-बार आखिर मुझे ही क्यों मिला बेवफा यार हर बार, दिल पूछता है ये मेरा बार-बार आखिर मुझे ही क्यों मिला बेवफा यार हर बार.


Monday, 5 May 2014

सलाम भेजा है…।

सूरज की किरणों संग पैगाम भेजा है, हमने अपने सनम को सलाम भेजा है, फुरत मिले तो पड़  लेना इसे,

 हमने आंसुओं से लिख कर अपना हल-ऐ-दिल का बयां लिखा है, अगर वक्त मिले तुम्हे तो जवाब भेज देना, 

 कागज कलम से लिख कर नहीं बस चाँद से कह देना चांदनी संग अपने दिलबर को आज जवाब भेजा है,
कोई तोहफा या ईनाम नही, कोई फूल या गुदस्ता नही,


रात की इस रागिनी के साथ अपने लबोँ की हसीँ को उनके
साथ  भेजा है, मैने अपनी हर खुशी को उनके  पास  भेजा है, जिन्दगी के हर लम्हे को मेने उनके नाम भेजा है, 


मेने अपने दिलबर को  बस  ये आज सलाम भेजा है, चाँद की चाँदनी संग आज ये पैगाम भेजा है,

मैने अपने दिलबर को ये सलाम भेजा है, मैने अपने दिलबर को ये सलाम भेजा है…।


एक सच्चा हमसफ़र…।

लोग कहते हैं ब्रेक अप  के बाद आपके पास गम और तन्हाई और बीती बातो को याद कर रुलाई के सिवा और कुछ नहीं रह जाता, पर हम कहते हैं जिन रिश्तो में ब्रेक उप हो वो रिश्ता कहा है मज़बूत कहलाता, जहाँ होगा प्यार सच्चा न होगी कोई जगह दूरियों के लिए और न होगा कोई फासला अपने सनम के लिए, ब्रेक उप तो नाम बहुत दूर है जहाँ होगा सच्चा प्यार वह तरसेंगे दो दिल झगडे के लिए,



और अगर बात बात पे बात बिगड़े और होने लगे झगडे तो तोड़ कर ऐसे रिश्ते अकेले रहना ही हर शख्स बेहतर समझे, रोने-धोने और आंसू बहाने से क्या फायदे, ऐसे रिश्ते को ढोने से भी नहीं मिलने वाले है कोई रास्ते, बेहतर हो की मज़िल अलग कर रास्ते भी अलग ढून्ढ ले, जो ढो  रहे है झूठे रिश्ते उन्हें वही पे छोड़ दे,



अपनी ख़ुशी के लिए और अपनों की ख़ुशी के लिए कुछ दिन गम और तन्हाई के  बिता कर फिर से एक नयी चाहत को ढूंढने के लिए कही फिर निकल चले,



अतीत से बस इतना सीखे की इस बार मज़िल और रास्ते की तलाश में दुनिया की रंगीनियों में न कही डूबे, मिल जाएगा एक सच्चा हमराही कभी तो ये हौसला इस ज़िन्दगी में यु ही बनाये रखे,


चलते चलते अकेले राहों में टोकने वाले हज़ार मिलेंगे, चलते चलते  अकेले राहों में राह भटकाने वाले हज़ार मिलेंगे पर दिल से न लगने देना उनकी हर बात को , चलते रहना यु राह में चाहे आंधी आये  बरसात हो,


मिल जाएगा एक दिन वो हमनशीं चाहे बीते ज़िन्दगी के कितने दिन या बीती कई रात हो, ढोये हुए झूठे रिश्ते से दूर एक सच्चे रिश्ते की तलाश में घुमते हुए इधर उधर मिल ही जाएगा एक दिन वो राही और एक सच्चा हमसफ़र चाहे ज़िन्दगी के कितने हि दिन फ़िर  अब साथ हो …।