किसी ने पूछा हमसे क्या लिखते हो तुम कागज़ और कलम से या बिगो देते हो कागज़ को अपने अश्को की दवात से और लिखते हो अपने दर्द भरे दिल की इस कलम से ,
हमने उन्हें बताया लिखते तो है हम कागज़ और कलम से पर है जो गम मेरे ह्रदय की गहराई में वो ही कमबख्त अश्क बन कर निकल आता है,
मेरे नेनो हो कर हर कागज़ को मेरे आंसुओ की दवात भिगो जाता है,
और इस दिल के दर्द भरे कलम से मेरी ज़िन्दगी के अफ़साने लिख जाता है…
हमने उन्हें बताया लिखते तो है हम कागज़ और कलम से पर है जो गम मेरे ह्रदय की गहराई में वो ही कमबख्त अश्क बन कर निकल आता है,
मेरे नेनो हो कर हर कागज़ को मेरे आंसुओ की दवात भिगो जाता है,
और इस दिल के दर्द भरे कलम से मेरी ज़िन्दगी के अफ़साने लिख जाता है…
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