Friday, 30 August 2013

अपनी किस्मत से शायद कुछ ज्यादा ही हमने मांग लिया




अपनी किस्मत से शायद कुछ ज्यादा ही हमने मांग लिया, अपने हाथों की लकीरों पर शायद कुछ ज्यादा ही हमने ऐतबार कर लिया, ख्वाब देखे जो ज़िन्दगी के हमने शायद बेवज़ह उन्हें हमने सच जान लिया, बिखरे तो पहले से थे ज़मीं पे हम  और इसी बिखरी हुई ज़िन्दगी को ही अपना मान लिया, मिले गम मुझे दुनिया से बहुत पर अपने ग़मों के साथ आँखों से बहते इन अश्कों को ही अपनी ख़ुशी मान लिया 

2 comments:

  1. आप के साथ ऐसा हुआ है में अब क्या बोलू पर
    आप जेसी लड़की बहुत कम होगी आज के टाइम में अच्छे लोगो के ऐसे ही होता है बड़ी दुःख की बात है ये

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