" लोग हैं आते लोग जाते है, लोग जीते हैं लोग मरते है, एक हम ही है ऐसे जो थे जैसे पहले आज भी वैसे है, जीती मारती इस दुनिया में केवल अश्क बहाने क लिए हम अभी तक जीवित है, मौत भी अपना आलीगन नही करने देती और ज़िंदगी भी है पल पल मुझे आँसू देती, डूबती इस दुनिया में सब डूबते है एक हम ही वही है जहाँ पहले खड़े थे आज वैसे ही खड़े हैं तन्हा और अकेले"
No comments:
Post a Comment