ज़िंदगी बहुत छोटी है या ईश्वर ने ही किस्मत मे साथ सिर्फ़ इतना सा ही लिखा था, कुछ दिन रहना साथ फिर जुड़ा होना लिखा था, रब ने उन्हे चुन लिया अपने लिए
और हमे उमर भर जीते जी मौत के इंतज़ार मे बिन उनके पल पल मारना था
और हमे उमर भर जीते जी मौत के इंतज़ार मे बिन उनके पल पल मारना था
No comments:
Post a Comment