"होता है प्यार क्या मैने जाना ना था,
होता है यार क्या मैने पहचाना ना था,
दिल में बस्ती है सूरत आशिक की,
इश्स अहसास से दिल मेरा कितना अंजाना था,
आज बैठ अकेले में सोचती हूँ मैं,
वो पल कितना सुहाना था,
मेरा दिल जब हर रुसवाई से अंजाना था,
सच से दूर वो ख्वाबो भरा हसीन लम्हा
मेरी ज़िंदगी में कितना यादगराना था.........."
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