“ये जरूरी तो नही उनसे मिल जाये कही
जरूरी तो ये है उनके दिलमे बस जाए कभी
मोहब्बत की कहानिया सुनी हमने बहुत
काश हमारी भी दास्तान कही जाए कभी
पग पग गिरे फिर उठ कर चले हम यहाँ
अब किसी का साथ काश मिल जाये कभी
‘मीठी’ बातो से दिलमे वो ऐसे बसने लगे
‘खुशी’ से इकरार उन्हें भी हो जाये कभी
ज़िन्दगी की दौड़ में ‘खुशी’ के पल खो गए
‘मीठी’ के इश्क में ‘खुशी’ से झूम जाये कभी
नज़दीक होने पर तो सब देते है साथ यहाँ
दूर जा कर भी जो दिलमे रह जाये कभी
ये जरूरी तो नही उनसे मिल जाये कही
जरूरी तो ये है उनके दिलमे बस जाए कभी-२”
Copyright@Archana Mishra
No comments:
Post a Comment