ईश्वर कहते है, "है मनुष्यों जैसे तुम्हारे शरीर मे मैंने कुछ अतिरिक्त नही दिया है वैसे ही इस पृथ्वी व सम्पूर्ण ब्रह्मांड में कुछ अतिरिक्त नही दिया है, जैसे तुम्हारे शरीर मे किसी चीज़ की अधिकता या कमी होने पर तुम अनेक परेशानियो का सामना करते हो वैसे ही ईश पृथ्वी व ब्रह्मांड में किसी की अधिकता या कमी से भी अनेक परेशानिया ही बढ़ेंगी।
इसीलिये हे मनुष्यों जैसे तुम्हारे शरीर मे किसी चीज़ की अधिकता या कमी न हो इसके लिए निम्न नियम बनाये है, जिनका पालन करने से तुम एक स्वस्थ जीवन जीते हो वैसेही समस्त ब्रह्मांड के लिये है जिसके अनुरूप ये समस्त जगत कायम है।
यधपि इसकी अधिक या कम मात्रा सृष्टि व प्राणी जगत के लिये घातक होती है, मैंने तो यधपि सब संतुलित भेजा है किंतु मनुष्य इससे असंतुलित कर अपना विनाश खुद लिख रहा है, यदि वो न रुका तोनिश्चित ही भयावह होगा अति भयावह।"
कल्याण हो
इसीलिये हे मनुष्यों जैसे तुम्हारे शरीर मे किसी चीज़ की अधिकता या कमी न हो इसके लिए निम्न नियम बनाये है, जिनका पालन करने से तुम एक स्वस्थ जीवन जीते हो वैसेही समस्त ब्रह्मांड के लिये है जिसके अनुरूप ये समस्त जगत कायम है।
यधपि इसकी अधिक या कम मात्रा सृष्टि व प्राणी जगत के लिये घातक होती है, मैंने तो यधपि सब संतुलित भेजा है किंतु मनुष्य इससे असंतुलित कर अपना विनाश खुद लिख रहा है, यदि वो न रुका तोनिश्चित ही भयावह होगा अति भयावह।"
कल्याण हो
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