तेरी याद में पलकें मेरी भीग जाती हैं
इस भीड़ में तेरी याद मुझे सताती है
तु खुश है तड़पा कर मुझे इतना कैसे
बिन तेरे ज़िस्म से रुह निकल जाती है
काश तू समझ सकता मेरे ज़ज़्बातों को
बिन तेरे देख मेरी आँख भर आती हैं
तोड़ कर चला गया दिल मेरा तू ऐसे
मेरी हर धड़कन फिरभी तुझे बुलाती है
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