यु तो
जाने हैं कितने हमे ज़िन्दगी की भाग दौड़ में लोग मिलते , पर कुछ लोग ही ऐसे मिल ते हैं
जिन्हें हम अपना कह पाते हैं , कुछ रिश्ते हमे जन्म से मिलते हैं तो कुछ
रिश्ते इसी भाग दौड़ में हमे मिल ते हैं, कुछ रिश्ते दुनिया में कदम
रखते ही हमारे बन जाते हैं तो कुछ रिश्ते दुनिया में आने के बाद हम ही
उन्हें बनाते हैं , होती नहीं लेकिन किसी रिश्ते की अहमियत कम या फिर
ज्यादा क्योंकि वक़्त और हालात ही उन्हें बनाते हैं बेहद ख़ास या फिर सादा,।
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