काँटो से दोस्ती कर समझ बैठे अब वो चुभेंगे नही
पर चुभना तो फितरत है उनकी ये भूल गए हम
देखो कितने प्यार से चुभ कर ये ज़ख़्म दिया है उन्होंने
पर ख़ता उनकी भी कहाँ हैं, ये तो हमारी है
काँटो पर इतना एतबार जो हम कर बैठे थे
पर चुभना तो फितरत है उनकी ये भूल गए हम
देखो कितने प्यार से चुभ कर ये ज़ख़्म दिया है उन्होंने
पर ख़ता उनकी भी कहाँ हैं, ये तो हमारी है
काँटो पर इतना एतबार जो हम कर बैठे थे
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