क्यों चाहत है इस दिल को उनके के पास जाने की, क्यू उम्मीद है इस दिल को
उनके लौट आने की, है पता मुझे वो ना आयंगे फिर कभी, ना देखेंगे मुझे मुड़कर
फिर कभी, दिल को खिलोना समझ ख़ेल कर चले गये है वो मेरा भले सही,पर टूट ती साँसों में भी आख़िर ये उम्मीद क्यों है, क्यों यकीन है मुझे मेरी आँखे बंद होने से पहले वो होंगे मेरे पास फिरसे यही, है विश्वाश मुझे जो तोड़ा है दिल उन्होने मेरा टूट कर वो भी उस दिन बिखर
रहे होंगे जब हम उन्हे अलविदा कह कर दुनिया से विदा ले रहे होंगे, और तब वो
उस वक़्त फूट फूट कर रो रहे होंगे,
क्यों ना हम होंगे खुश उन्हे इस तरह तड़प्ता देख कर, उन्हे भी अपनी मोहब्बत
का अहसास करा कर हम जायंगे इस जहाँ से क्योकि है पता हमे इसके बाद ना हम
फिर कभी ना उनसे मिलने दुबारा आयंगे, सोचते हैं हम शायद इसके बाद वो खुद
को भी बिन ह्मारे या तो बेहद खुश या फिर बेइंतहा तन्हा पायंगे, पर ना फिर
कभी हम उनकी ज़िंदगी में दुबारा आयंगे, उनका दिल उस वक़्त ये कहेगा क्यों
चाहत है इस दिल को उनके के पास जाने की, क्यों उम्मीद है दिल को उनके लौट
आने की..
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