कहीं तो होगा कोई जिसे मेरा भी इंतेज़ार होगा, कहीं तो होगा कोई जिसे मुझसे भी प्यार होगा, ढूंडती होंगी नज़रे जिसकी हर पल इधर उधर कही तो होगा कोई मेरा दिलबर मेरा हमसफ़र,
चलते चलते राह में शायद मिल जाए मुझे वो, जो है ख्यालों में काश सामने आ जाए वो, बस ये ही सोच कर हर लम्हा है उससे मिलने का मुझे इंतेज़ार, देखते ही उसे शायद मेरा दिल भी होने लगे बेकराअर,
कभी कभी आता है ये ख्याल मन में मेरे क्या होगा वैसा जैसा सोचा है मैने ख्वाबों में या फिर होगा वो वैसा जो है इस नसीब में, पर फिर सोचती हूँ मैं वो जैसा भी होगा मेरा होगा,
गोरा ना सही काला होगा, खूबसूरत नही बदसूरत सही पर जिसके दिल में नाम तो सिर्फ़ मेरा होगा, नही होगा भले वो दुनिया के लिए हसीन पर मेरे लिए तो वो मेरा खुदा होगा,
अब थक चुकी हैं नज़रे मेरी इंतेज़ार उसका करते करते, उसकी राह देखते देखते जाने कितने अजनबी है मुझे आज तक मिले,
मैने नही देखा है जिससे आज तक इसी बात का फ़ायडा उठाने वाले मुझे जाने कितने मिले, वास्ता उनका दे कर मेरे करीब आ कर मेरे दिल को खिलोना समझ कर खेलने वाले जाने कितने मिले,
आफ़सूस जिसका था मुझे इंतेज़ार बस वो ही मुझे आज तक नही मिले, जो आते हैं ख्वाब में मेरे लेकिन छिपा के नकाब में अपना चेहरा बस वो नकाब वाले मेरे दिलबर मुझसे अब नही मिले,
दिल ने बना ली थी एक छवि उनके नकाब के पीछे छिपे किसी शख्स की, ज़िंदगी की दौड़ में होगी उससे कोई मुलाकात भी कही,
पर अफ़सोस की मिला धोखा मुझे हर उस शख्स से, वो नही निकला जिसका मुझे इंतेज़ार था, इस नकाब के कारण ही शायद मुझे हर वक़्त वो लोग ही मिले जो दिखा के वफ़ा कर के बेवफ़ाई एक दिन मुझसे दूर हो चले
वक़्त के साथ अब आने लगा है ये ख्याल मेरे मन में, शायद ना मिल सकेगा वो नकाबपोश जो है इस दिल में,
धीरे धीरे ज़िंदगी के दिन भी होने लगे है कम, थक चुकी हैं आँखे मेरी और साँसे भी होने लगी हैं कम, शायद उन्हे भी कही कोई और मिल गया होगा या फिर उन्हे ही मेरा पता ना मिल सका होगा,
वक़्त के साथ उन्होने भी मेरा बहुत इंतेज़ार किया होगा, जब ना मिल पाया होगा कोई उन्हे तो हालत से हार कर किसी और को ही अपना बना लिया होगा,
कभी कभी दिल में मेरे ये ख्याल भी अब आता है शायद वो नकाबपोश और कोई नही दिल का ही कोई झूठा ख्याल था, मान लिया था सच जिससे मैने वो कुछ नही बस एक मेरा झूठा ख्वाब ही था,
समझाती हूँ अपने दिल को लाख बहाने से, कहती हूँ ख्वाब में आने वाला कोई और नही बस एक ख्याल था एक झूठा जिसे मान लिया था तूने अपना,
है नही किस्मत में तेरी साथ तेरे चलने वाला कोई, है नही दुनिया में कही अपना तुझे कहने वाला कोई, है नही यहा कोई ऐसा सिर्फ़ तुझपे मरने वाला कोई,
है इंतेज़ार तुझे जिस चाहत का नही है वो तेरे लिए क्योंकि शायद बना ही नही तेरे लिए कोई ऐसा ना तू बनी है किसी और के लिए, है नही यहा कोई ऐसा तेरा जो थाम सके हाथ तेरा और साथ दे सके जो ज़िंदगी भर तेरा,
रह कर अकेले ही ढूंदनी होगी तुझे खुशी अपनी, किसी के साथ नही अकेले ही सही पर ज़ीनी होगी तुझे अपनी ये ज़िंदगी, भूल कर उन अनेक फरेबों को और भुला के उस अजनबी दिल में बसी मूरत को जीने लग तू अपनी ये बची हुई ज़िंदगी
पर क्यों ये जानते हुए भी मन में मेरे हर पल आज ये ख्याल आता है,कहीं तो होगा कोई जिससे मेरा भी इंतेज़ार होगा, कहीं तो होगा कोई जिससे मुझसे भी प्यार होगा,
ढूंडती होंगी नज़ारे जिसकी हर पल इधर उधर कही तो होगा कोई, चलते चलते राह में शायद मिल जाए मुझे वो, जो है ख्यालों में काश सामने आ जाए वो,
बस ये ही सोच कर हर लम्हा है उससे मिलने का मुझे इंतेज़ार, देखते ही उसे शायद मेरा दिल भी होने लगे बेकराअर, कभी कभी आता है ये ख्याल मन में मेरे क्या होगा वैसा जैसा सोचा है मैने ख्वाबों में या फिर होगा वो वैसा जो नसीब में मेरे लिखा है,
पर फिर सोचती हूँ मैं वो जैसा भी होगा मेरा होगा, गोरा ना सही काला होगा, खूबसूरत नही बदसूरत सही पर जिसके दी में नाम तो सिर्फ़ मेरा होगा, नही होगा भले वो दुनिया के लिए हसीन पर मेरे लिए तो वो मेरा खुदा होगा,
पर मेरे लिए तो वो मेरा खुदा होगा,
पर मेरे लिए तो वो मेरा खुदा होगा, "
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Thanks and Regards
*****Archana*****
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