यु तो कितने मिलते हैं जीवन के इस सफर में पर हर किसी से प्यार नहीं होता,
यु तो कितनो से होती है मुलाकात हर रोज़ पर हर कोई अपना यार नहीं बनता,
ये तो दिल का रिश्ता है जो हर किसी से युही तो नहीं जुड़ता,
होती आशिकी उसी से जिसे ये दिल लाखों की भीड़ में से हैं चुन्ता।
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