"जगमग दीपो वाली आई रात निराली, चहक रहा हर नुक्कड़ आज चमक रही हर गली, सज़ा हुआ है हर आँगन आज बनी हुई है रंगोली,
विराजे लक्ष्मी-गणेश आज यहा इसी उम्मीद में साज़í हुई है पूजा की थाली,
गूँज उठा है पटाखो से हर द्वार छाई हुई फुलझड़ियो की लाली,
देख नज़ारे आज के अर्चू कहे आप सबको हॅपी दीवाली विथ स्वीट "
No comments:
Post a Comment