Friday, 31 October 2014

ईश्वर वाणी -59

"ईश्वर कहते हैं मैं जल से भी अधिक निर्मल हूँ, वायु से भी अधिक पारदर्शी हूँ, पर्वत से भी अधिक कठोर हूँ, कली से भी अधिक कोमल हूँ, बादल से भी अधिक हल्का हूँ, यधपी मैने ही खुदसे समस्त श्रष्टी को ढक रखा है इसलिए मैं कन-कन में हूँ किंतु यदि तुम्हे मुझे प्राप्त करना है मेरी कृपा को पाना है तो मैं तुम्हारी सच्ची उन प्राथनाओं  में हूँ"


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