Tuesday, 24 January 2017

गीत- यही प्यास थी ज़िन्दगी में

"बस एक यही प्यास थी ज़िन्दगी मे
एक छोटी सी आस थी ज़िन्दगी में
कही तो मिलेगा हमसफ़र मुझे भी
बस उसकी तलाश थी ज़िन्दगी में

हर दिन बस ख्याल उसका ही आता था
हर शख्स में बस वो ही नज़र आता था

कब उनसे नेन मिलेंगे कब वो हमारे होंगे
पल पल बस ये ही सवाल मन में आता था

मिलेगा मुझे भी कही प्यार करने वाला
कही तो होगा मुझ पर भी मरने वाला
बस उसकी ही आस थी ज़िन्दगी मैं
मोहसब्बत की ही प्यास थी ज़िन्दगी में

क्या पता था ये एक कसूर होगा
इस कदर हर शख्स हमसे दूर होगा

मोहब्बत के सपने दिखाने वाला वो
मेरा मेहबूब बेवफाई में मशहुर होगा

खता बस क्या की थी ज़िंदगी में
बस उसकी तलाश थी ज़िन्दगी में

बस एक यही प्यास थी ज़िन्दगी मे
एक छोटी सी आस थी ज़िन्दगी में
कही तो मिलेगा हमसफ़र मुझे भी
बस उसकी तलाश थी ज़िन्दगी में-2"















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