“आज इस दिलने फिर किसी को दस्तक दी है
धड़कन ने भी फिर इश्क की आहट की है
सूनी थी ज़िन्दगी जो अब से पहले मेरी
देखो फिर से इसने ऐसी करवट ली है
भूल चुका क्या मन इश्क में मिली बेवफाई
जो फिर से ज़िन्दगी में ऐसी हरकत की है
कहा थे इसे न करीब जाना किसी के तुम
क्यों सांसो से फिर मोहब्बत की बात की है
'खुशी' का ख्वाब दिखा गम दे गए लोग मुझे
'मीठी' ने क्यों फिर आखिर ये शरारत की है
रोई दिन रात 'खुशी' की तलाश में 'मीठी'
करके आशिकी तूने अश्को की बरसात की है
आज इस दिलने फिर किसी को दस्तक दी है
धड़कन ने भी फिर इश्क की आहट की है-२"
कॉपीराइट@अर्चना मिश्रा
धड़कन ने भी फिर इश्क की आहट की है
सूनी थी ज़िन्दगी जो अब से पहले मेरी
देखो फिर से इसने ऐसी करवट ली है
भूल चुका क्या मन इश्क में मिली बेवफाई
जो फिर से ज़िन्दगी में ऐसी हरकत की है
कहा थे इसे न करीब जाना किसी के तुम
क्यों सांसो से फिर मोहब्बत की बात की है
'खुशी' का ख्वाब दिखा गम दे गए लोग मुझे
'मीठी' ने क्यों फिर आखिर ये शरारत की है
रोई दिन रात 'खुशी' की तलाश में 'मीठी'
करके आशिकी तूने अश्को की बरसात की है
आज इस दिलने फिर किसी को दस्तक दी है
धड़कन ने भी फिर इश्क की आहट की है-२"
कॉपीराइट@अर्चना मिश्रा
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