तुम्हारी यादों को दिलमें बसाए बैठे हैं।
कभी मुड़कर, मुझे भी तुम देख लेना
वक्त मिले तो, याद मुझे भी तुम कर लेना
ये माना, नही तुम्हे अब जरूरत हमारी
हकीकत न सही, ख्वाब मुझे समझ लेना
तेरी मोहब्बत की, हसरत सजाए बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिल में बसाए बैठे हैं
रूठे तुम, ऐसे की मना हम ना पाये
दूर ऐसे हुए की, फिर करीब न आये
तू खुश रहे सदा, यही दुआ करते हैं
भले तेरे बिना, हम और जी न पाये
तेरी हर बात को, सीने से लगाये बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिलमें बसाए बैठे हैं
तुझे याद कर, रोते है हम रात-दिन
तेरे लिए तो, तड़पते है हम हर दिन
काश तू फिर, मुड़कर देख हाल मेरा
करते हैं सबसे, अब तेरी ही बात रात-दिन
पत्थर से पिघलने की, आस लगाए बैठे हैं
मौत से ज़िन्दगी की, उम्मीद लागाये बैठे हैं
बेवफा से वफ़ा की, आस लगाए बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिलमें बसाए बैठे हैं
कभी मुड़कर, मुझे भी तुम देख लेना
वक्त मिले तो, याद मुझे भी तुम कर लेना
ये माना, नही तुम्हे अब जरूरत हमारी
हकीकत न सही, ख्वाब मुझे समझ लेना
तेरी मोहब्बत की, हसरत सजाए बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिल में बसाए बैठे हैं
रूठे तुम, ऐसे की मना हम ना पाये
दूर ऐसे हुए की, फिर करीब न आये
तू खुश रहे सदा, यही दुआ करते हैं
भले तेरे बिना, हम और जी न पाये
तेरी हर बात को, सीने से लगाये बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिलमें बसाए बैठे हैं
तुझे याद कर, रोते है हम रात-दिन
तेरे लिए तो, तड़पते है हम हर दिन
काश तू फिर, मुड़कर देख हाल मेरा
करते हैं सबसे, अब तेरी ही बात रात-दिन
पत्थर से पिघलने की, आस लगाए बैठे हैं
मौत से ज़िन्दगी की, उम्मीद लागाये बैठे हैं
बेवफा से वफ़ा की, आस लगाए बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिलमें बसाए बैठे हैं
No comments:
Post a Comment