Saturday, 20 April 2013

ईश्वर -वाणी-३ २ **Ishwar Vaani**-31**जन्म-मरण **

नमस्कार दोस्तों हम फिर हाज़िर हैं अपनी प्रभु वाणी में प्रभु के वचनों के साथ, दोस्तों हमने कुछ सवाल प्रभु से करे और उन्होंने हमे उनका जवाब दिया बड़े ही सहज तरीके से, आप भी जानिये की हमने उनसे क्या पूछा और उनका जवाब क्या रह… 


हमने पूछा प्रभु दुनिया में कई जगह लोग कहते हैं की हमे ये जीवन केवल एक बार ही मिलता है किन्तु कई लोग कहते  हैं की जन्म-मरण का दौर तो हम कई युगों से देखते आ रहे हैं किन्तु हमे याद नहीं कुछ किन्तु हम इससे पहले भी थे आज भी हैं और आगे भी रहेंगे, क्या सच है प्रभु आप हमे बताये कृपया??

   
प्रभु बोले ये सच है की ये जन्म तुमने पहली बार नहीं लिया है, इससे पहले भी तुम इस दुनिया में कई बार आ चुके हो, प्रभु कहते हैं ८ ४ लाख योनियों के बाद ये मानव जीवन मिलता है ताकि मेरे द्वारा बताये गए मार्ग पर चल कर मोक्ष को प्राप्त करो किन्तु जो लोग भोग-विलाश में विलीन रहते हैं, भोतिक सुखों को ही परम सुख मानते हैं उन्हें मोक्ष नहीं मिलता, जो काम,क्रोध, लोभ, मोह  और  अहंकार के अधीन रहते हैं वो मुझे कभी नहीं  पा सकते, ऐसे लोग सदा जीवन और मृत्यु के चक्र में उलझे  रहते हैं किन्तु जो लोग अपने इस मानव जीवन में मेरी बताये गए मार्ग पर चलते हैं उन्हें फिर दुबारा इस मृत्यु लोक में आने की आवश्यकता ही नहीं है,


प्रभु कहते हैं की विभिन्न जगह पर मैंने विभिन्न रूपों में जन्म लिया और वह के लोग मुझे वह के नाम और रूप में जानते और पूजते हैं,  वहा  के लोगों की मान्यता है की ये ही जन्म आखिरी है और इसके बाद कोई और जन्म नहीं है, किन्तु सच तो ये है उन लोगों ने मेरी बातों को ठीक से नहीं समझा, प्रभु कहते हैं की ये जन्म तो केवल एक बार ही मिलता है जो मोक्ष को पाने का मार्ग है, और यदि तुमने इस जन्म अपने जन्म-जन्मान्तरों के पापों के लिए प्रभु से माफ़ी नहीं मांगी तो युगों युगों तक पछताओगे क्यों की फिर तुम इस मानव जन्म को नहीं प् सकोगे, ये जन्म तुम्हे तुम्हारे पापों के समस्त प्रायश्चि के लिए मिला है, इसलिए हे मानवो ईश्वर द्वारा बताये गए सत्मार्ग पर चलो और मोक्ष को प्राप्त हो !


  

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