Friday, 5 April 2013

है पता मुझे की वो तो है बेवफा



है पता मुझे की वो तो है बेवफा फिर भी क्यों आस उन्ही रहती हैं है दुनिया में इतने हसीं चेहरे पर फिर भी क्यों प्यास उन्ही की रहती है,
 
जानता है ये मन मेरा गुनाह कर रहे हैं हम उन्हें इस कदर चाह कर, जानता है ये दिल मेरा जुर्म कर रहे हैं हम उन्हें अपनी धडकनों में बसा कर, फिर भी क्यों  जाने ये पाप हम बार बार हैं करते जा रहे,है पता हमे की वो तो हैं बेवफा फिर भी जाने क्यों उन्ही से ही मोहब्बत करते हैं  हम जा  रहे, हैं जिसकी वज़ह से नम हमारी आँखे जाने क्यों उन्ही से मिलने की उम्मीद हमे आज भी रहती है, हूँ तनहा जिसकी वज़ह से आज मैं जाने क्यों हर पल दिल में याद भी बस उन्ही की रहती है, है पता मुझे खुद से ही कर रहे हैं धोका हम उन्हें याद के पर जाने क्यों इस धोखे के बाद भी मेरी हर सांस में बस आस  उन्ही रहती  है।
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Thanks and Regards
 *****Archana*****

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