Sunday, 23 June 2013

ये ज़िन्दगी किसी के बगेर रूकती तो नहीं

ये ज़िन्दगी किसी के बगेर रूकती तो नहीं, आने वाले आते हैं और जाने वाले जाते हैं जीवन में पर किसी के आने पर  होती है ख़ुशी जितनी उसके जाने पर ये ज़िन्दगी रूकती तो नहीं, कुछ यादे दे   कर एक दिन अकेला छोड़ कर चले जाते है जाने वाले, कर के आँखे नाम और रोता छोड़ चले जाते  हैं जाने वाले पर किसी के जाने पर ज़िन्दगी रूकती तो नहीं, ख़ुशी और गम का संगम है ज़िन्दगी, मिलने बिछड़ने का नाम है ज़िन्दगी, कभी आंसू तो कभी लबो पे मुस्कराहट का नाम है ज़िन्दगी, कभी अपनों का साथ तो कभी भीड़ में भी खुद को तनहा होने का  अहसास है ज़िन्दगी, कभी पास तो कभी दूर होने का नाम है ज़िन्दगी, जो आता है करीब हमारे दूर उसके जाने पर ज़िन्दगी रूकती तो  नहीं, दिल में रह कर दिल तोड़ देने पर भी ये रूकती तो नहीं, हर गम से जुदा हो कर, हर लम्हा मुस्कुरा कर जीने का नाम है ज़िन्दगी क्योंकि ये ज़िन्दगी कभी किसी के बगेर रूकती तो नहीं...

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