मैं खुश हूँ बहुत इतने रंग ज़िन्दगी में पा कर ,खुश हूँ
बहुत मैं तुझे संग पा कर, खुश हूँ बहुत मैं हर गम से दूर जा कर, खुश हूँ
बहुत मैं अश्कों से जुदा हो कर,
एक कलि थी मैं बिन तुम्हारे पर आज खुश हूँ मैं फूल बन
कर, आसमान में बिखरे हुए सितारों की तरह बिखरी पड़ी थी मैं आज चाँद बन कर
बहुत खुश हूँ मैं,हालत से हारी, गम की मारी हर दर्द सीने में छिपाए बहुत रोती थी मैं पर आज बरसों बाद मुस्कुरा कर बहुत खुश हूँ मैं,तन्हाइयों में
रहती थी कभी अकेली पर आज अपनों को पा कर बहुत खुश हूँ मैं,
मिलाया तूने खुद मुझको मुझी से, रोते हुए हसाया तूने
मुझे कितनी ख़ुशी से,मिला साथ जब अपनों का तब भी साथ मेरे सिर्फ तुम्ही थे ,
मेरे सूनेपन से ले कर अपनों के मिलन के वक्त भी संग केवल मेरे तुम्ही थे, मेरे हर पल
मेरे हर लम्हा साथ सिर्फ तुम्ही थे, आज खुश हूँ बहुत मैं अपनों को पा कर,
आज खुश हूँ बहुत मैं अपनों के करीब जा कर, आज खुश हूँ बहुत मैं तुम्हे
अपने करीब ला कर,
मैं खुश हूँ बहुत इतने रंग ज़िन्दगी में पा कर ,खुश हूँ
बहुत मैं तुझे संग प् कर, खुश हूँ बहुत मैं हर गम से दूर जा कर, खुश हूँ
बहुत मैं अश्कों से जुदा हो कर,
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