जब खनके बर्तन कही पे तो गूँज़ बहुत होये,
जब टूटे काँच कही पे तो आवाज़ बहुत होये,
जब टूटे काँच कही पे तो आवाज़ बहुत होये,
पर जब टूटे दिल किसी का ये आवाज़ ना कही होये,
होये ऐसी पीड़ा दिल में जो ना सही जाए और ना
किसी से कही जाए,ना निभाए कोई
साथ इस टूटे हुए दिल का,
बस एक ये आँखे है जो देख के मन की
पीड़ा बस बहती जाए बस बहती जाए
पीड़ा बस बहती जाए बस बहती जाए
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