बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं, बिन तेरे मुझमे नहीं मैं, बिन तेरे हूँ भी क्या मैं, है नहीं कोई ख्वाब भी इस दिल में बिन तेरे, है नहीं कोई अरमान भी सीने में अब मेरे,
है नहीं कोई वज़ूद भी बिन तेरे अब मेरा, है नहीं अब कोई आरज़ू और कोई सपना भी अब मेरा, बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं,
है साँसे इस जिस्म में मगर ज़िन्दगी नहीं बिन तेरे, है धड़कन इस दिल में मगर ज़ज़्बात नहीं इस सीने में अब मेरे ,
सब है पास मेरे फिर भी है खाली हाथ ये मेरे , सब है साथ मेरे फिर भी नहीं कोई आस इस दिल में अब मेरे ,
है मुस्कान मेरे लबों पे पर ख़ुशी नहीं बिन तेरे, ज़िन्दगी की राहों पे मिलते है लोग हज़ार मुझे पर हूँ तनहा बेइंतहा बिन तेरे,
बिखरी पड़ी है हर ख़ुशी मेरे आँगन में, बिछी पड़ी है ये हसी भी मेरे आँगन में, पर सूनी है ये ज़िन्दगी बिन तेरे, रुक जाती है लबों पे ही ये हसी बिन तेरे,
कैसे समझाऊ तुझे मैं की बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं, कैसे बताऊ तुझे मैं की बिन तेरे मुझमे नहीं मैं, बिन तेरे हूँ नहीं आज भी खुश मैं,
है नहीं कोई ख्वाब भी इस दिल में बिन तेरे,
है नहीं कोई अरमान भी सीने में अब मेरे
है नहीं कोई ख्वाब भी इस दिल में बिन तेरे,
है नहीं कोई अरमान भी सीने में अब मेरे
बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं, बिन तेरे मुझमे नहीं मैं,
बिन तेरे हूँ भी क्या मैं, है नहीं कोई ख्वाब भी इस दिल में बिन तेरे, है नहीं कोई अरमान भी सीने में अब मेरे,
बिन तेरे हूँ भी क्या मैं, है नहीं कोई ख्वाब भी इस दिल में बिन तेरे, है नहीं कोई अरमान भी सीने में अब मेरे,
बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं, बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं, बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं, बिन तेरे कुछ भी नहीं मैं
No comments:
Post a Comment