Wednesday, 30 April 2014

ये अश्क ही मेरे साथी है





जीवन की हर डगर में ये अश्क ही  मेरे साथी है, तड़पती हुई मेरी तनहा ज़िन्दगी के भी ये अश्क ही मेरे साथी है, 

जीवन की हर उमंग के ये हमराही मेरे अश्क ही मेरे साथी है, अरमानो भरे इस दिल के भी बस ये ही जीवनसाथी है,

 जीवन की हर डगर में ये अश्क ही मेरे साथी है, ख़ुशी और गम  के इस संगम के भी मेरे ये अश्क ही  बाराती है, 

पलकों और आँखों से है गहरा रिश्ता इनका जैसे दिया और बाती है,जीवन की हर डगर में ये अश्क ही  मेरे साथी है, 

जीवन की हर डगर में ये अश्क ही  मेरे साथी है,जीवन की हर डगर में ये अश्क ही  मेरे साथी है

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