"कहते कहते हम रुकने लगे हैं
शायद रास्ते से भटकने लगे हैं
मंज़िल क्या थी हमारी यारो
इन गलियो में उन्हें ढूंढने लगे हैं
ढूंढते हैं तेरे ही निशाँ यहाँ हम
देख तू बिन तेरे हम रोने लगे हैं
ठुकराया तूने हमे दिल खोलकर
पर दिलसे तेरे ही हम होने लगे हैं
सुना है अब वो बदलने लगे हैं
कहते कुछ करने कुछ और लगे हैं
शायद कसूर उनके मिज़ाज का है
छीन कर चेन कैसे वो सोने लगे हैं
हम तो याद में उनकी जागने लगे हैं
पर अब हमसे दूर वो भागने लगे हैं
है पता हज़ारो है उनके चाहने वाले
फिर भी करीब उनके जाने लगे हैं
वो दूरिया उतनी ही अब बनाने लगे हैं
हर दिन फिर नए बहाने बनाने लगे हैं
मासूम चेहरा दिखा कर फिर रूठते है
इन्ही अदाओ से तो हमे लुभाने लगे हैं"
शायद रास्ते से भटकने लगे हैं
मंज़िल क्या थी हमारी यारो
इन गलियो में उन्हें ढूंढने लगे हैं
ढूंढते हैं तेरे ही निशाँ यहाँ हम
देख तू बिन तेरे हम रोने लगे हैं
ठुकराया तूने हमे दिल खोलकर
पर दिलसे तेरे ही हम होने लगे हैं
सुना है अब वो बदलने लगे हैं
कहते कुछ करने कुछ और लगे हैं
शायद कसूर उनके मिज़ाज का है
छीन कर चेन कैसे वो सोने लगे हैं
हम तो याद में उनकी जागने लगे हैं
पर अब हमसे दूर वो भागने लगे हैं
है पता हज़ारो है उनके चाहने वाले
फिर भी करीब उनके जाने लगे हैं
वो दूरिया उतनी ही अब बनाने लगे हैं
हर दिन फिर नए बहाने बनाने लगे हैं
मासूम चेहरा दिखा कर फिर रूठते है
इन्ही अदाओ से तो हमे लुभाने लगे हैं"
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