"दुनिया की महफ़िल में कौन अपना है
जो कहते हैं तुम्हरे है वो तो एक सपना है
साथ तो कुछ दूर तक ही देते हैं लोग यहां
झूठी है जिंदगी मौत से ही वास्ता रखना है
झूठ की दुनिया मे कौनसा रिश्ता अपना है
बेवफाई है साच्छी वफ़ा तो बस सपना है
हँसा कर रुलाना शौक है ज़माने का 'मीठी'
'खुशी' से नही अश्क से ही वास्ता रखना है
फरेबों के बाज़ार में न कोई यहाँ अपना है
इन झूठे किरदारों में मोहब्बत तो सपना है
सम्भल जा 'मीठी' वक्त अभी है पास तेरे
'खुशी' तुझे अब खुदसे ही वास्ता रखना है
दिलों की महफ़िल में न कोई अपना है
इश्क है व्यापार बाकी तो अब सपना है
रुक जा 'मीठी' न कर सौदा फिर दिलका
दर्द भूला 'खुशी' से तुझे वास्ता रखना है"
🙏🏻🙏
[11/11 1:26 pm] Macks-Archu: Copyright@meethi-khushi...... Archana Mishra
जो कहते हैं तुम्हरे है वो तो एक सपना है
साथ तो कुछ दूर तक ही देते हैं लोग यहां
झूठी है जिंदगी मौत से ही वास्ता रखना है
झूठ की दुनिया मे कौनसा रिश्ता अपना है
बेवफाई है साच्छी वफ़ा तो बस सपना है
हँसा कर रुलाना शौक है ज़माने का 'मीठी'
'खुशी' से नही अश्क से ही वास्ता रखना है
फरेबों के बाज़ार में न कोई यहाँ अपना है
इन झूठे किरदारों में मोहब्बत तो सपना है
सम्भल जा 'मीठी' वक्त अभी है पास तेरे
'खुशी' तुझे अब खुदसे ही वास्ता रखना है
दिलों की महफ़िल में न कोई अपना है
इश्क है व्यापार बाकी तो अब सपना है
रुक जा 'मीठी' न कर सौदा फिर दिलका
दर्द भूला 'खुशी' से तुझे वास्ता रखना है"
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