""एक विनती है तुझसे मेरी
ए अब मालिक सुन लो तुम ,
ना कम हो ये विश्वास
तुझपे ना कम तुझपे श्रधा हो,
रहू सदा भक्ति मे तेरी नही किसी की
चिंता हो,
रूठे जो संसार मुझसे
ना फिकर ना उसकी हो,
करू सदा वंदना
तेरी नही कोई ग़लती हो,
एक विनती है तुझसे मेरी ए अब मलिक
सुन ले तू,
राहु सदा ध्यान में तेरे
मन में ना कोई कुंठा हो, हर पल बस पुकारू
तुझको
ना किसी की निंदा हो,
माना नही है बुध्हि मुझमे,
माना की भक्तिहीन हू मैं, भवसागर मैं
डूबा हुआ एक साधारण इंसान हू मैं,
पर जैसा हू तेरा दास हू मैं,
बुरा भला बस तेरे पास हूँ मैं ,
तेरे पास हूँ मैं बस तेरे पास हूँ मैं, तूने मुझे
दुनिया में
भेजा, मो माया मेी उलझा मैं,
जाने कितने रिश्तो और कितने नातो से
जुड़ा रहा इस काया मैं ,
मेरी पुकार ए मालिक अब सुन लो तुम,
मुझे मुक्त करो अब इस बंधन से तुम,
मुझे बस अपनालो अब तो तुम,
स्वीकार करो ये विनती मेरी हे प्रभु अब तो तुम,
सदा करू अब भक्ति तेरी, सदा
करू साधना तेरी,
एक विनती है तुझसे
मेरी ए अब मलिक अब सुन लो तुम
एक विनती है तुझसे मेरी
ए अब मालिक सुन लो तुम ,
ना कम हो ये विश्वास
तुझपे ना कम तुझपे श्रधा हो,
रहू सदा भक्ति मे तेरी नही किसी की
चिंता हो,
रूठे जो संसार मुझसे ना फिकर ना उसकी हो,
करू सदा वंदना
तेरी नही कोई ग़लती हो,
एक विनती है तुझसे मेरी
ए अब मलिक सुन ले तू,
राहु सदा ध्यान में तेरे
मन में ना कोई कुंठा हो,
हर पल बस पुकारू तुझको
ना किसी की निंदा हो
,
"i love u god a lott "
ए अब मालिक सुन लो तुम ,
ना कम हो ये विश्वास
तुझपे ना कम तुझपे श्रधा हो,
रहू सदा भक्ति मे तेरी नही किसी की
चिंता हो,
रूठे जो संसार मुझसे
ना फिकर ना उसकी हो,
करू सदा वंदना
तेरी नही कोई ग़लती हो,
एक विनती है तुझसे मेरी ए अब मलिक
सुन ले तू,
राहु सदा ध्यान में तेरे
मन में ना कोई कुंठा हो, हर पल बस पुकारू
तुझको
ना किसी की निंदा हो,
माना नही है बुध्हि मुझमे,
माना की भक्तिहीन हू मैं, भवसागर मैं
डूबा हुआ एक साधारण इंसान हू मैं,
पर जैसा हू तेरा दास हू मैं,
बुरा भला बस तेरे पास हूँ मैं ,
तेरे पास हूँ मैं बस तेरे पास हूँ मैं, तूने मुझे
दुनिया में
भेजा, मो माया मेी उलझा मैं,
जाने कितने रिश्तो और कितने नातो से
जुड़ा रहा इस काया मैं ,
मेरी पुकार ए मालिक अब सुन लो तुम,
मुझे मुक्त करो अब इस बंधन से तुम,
मुझे बस अपनालो अब तो तुम,
स्वीकार करो ये विनती मेरी हे प्रभु अब तो तुम,
सदा करू अब भक्ति तेरी, सदा
करू साधना तेरी,
एक विनती है तुझसे
मेरी ए अब मलिक अब सुन लो तुम
एक विनती है तुझसे मेरी
ए अब मालिक सुन लो तुम ,
ना कम हो ये विश्वास
तुझपे ना कम तुझपे श्रधा हो,
रहू सदा भक्ति मे तेरी नही किसी की
चिंता हो,
रूठे जो संसार मुझसे ना फिकर ना उसकी हो,
करू सदा वंदना
तेरी नही कोई ग़लती हो,
एक विनती है तुझसे मेरी
ए अब मलिक सुन ले तू,
राहु सदा ध्यान में तेरे
मन में ना कोई कुंठा हो,
हर पल बस पुकारू तुझको
ना किसी की निंदा हो
,
"i love u god a lott "
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