""साथ उनके चाहने की ख़ाता हम कर बैठे,
साथ ज़िंदगी बिताने की बस भूल हम कर बैठे,
उन्हे नही पसंद था हमारा उनके साथ चलना,
उन्हे नही पसंद था हमारा यू संभालना,
उनकी नापसंद हो जाने बिना उनके साथ चलने
की बस ये नादानी हम कर बैठे,
उन्हे जाने बिना अपनी ज़िंदगी की कहानी में
जगह उन्हे हम दे बैठे,
अपने दिल के कौने में पनाह उन्हे हम दे बैठे,
छोड़ गये वो एक दिन हमे अकेला और तनहा यहा पर,
और हम आज भी उनके लौटने के इंतज़ार में
हर लम्हा आँसू बहाते यू बेबस है हुए बैठे
... " "
साथ ज़िंदगी बिताने की बस भूल हम कर बैठे,
उन्हे नही पसंद था हमारा उनके साथ चलना,
उन्हे नही पसंद था हमारा यू संभालना,
उनकी नापसंद हो जाने बिना उनके साथ चलने
की बस ये नादानी हम कर बैठे,
उन्हे जाने बिना अपनी ज़िंदगी की कहानी में
जगह उन्हे हम दे बैठे,
अपने दिल के कौने में पनाह उन्हे हम दे बैठे,
छोड़ गये वो एक दिन हमे अकेला और तनहा यहा पर,
और हम आज भी उनके लौटने के इंतज़ार में
हर लम्हा आँसू बहाते यू बेबस है हुए बैठे
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