Wednesday 19 August 2020

मेरी शायरी

 "न बिछड़ने का गम है न मिलने की उमंग है

है मोहब्बत ही कुछ ऐसी इसमे हज़ारो रंग है

कभी दर्द तो कभी 'मीठी-खुशी' झलकाती है

जुदा हो कर भी दिलमें देखो आज हम संग है"


Wednesday 12 August 2020

मेरी शायरी

 "झूठे हैं नाते झूठे ये तराने हैं


कहने को सब यहाँ अपने हैं


पर जब मुड़ कर देखो तो


यहाँ सबके के सब बेगाने हैं"

मेरी रचना मेरी शायरी

 "मोहब्बत में मिली हमें क्या खूब ये सौगात

देखो फ़िर मिली हमें ग़मो की ये बरसात
सोचा था न करेंगे दिल का सौदा फिर कभी
हारे फिर दिल अपना मिली दर्द भरी ये रात"

मेरी शायरी

 मुझ को मेरे हाल पर छोड़ दे तू ऐ ज़िंदगी

मेरी ज़िम्मेदारी का बोझ उठाना तेरे बस की बात नही