Tuesday 29 June 2021

Romantic-shayri Hindi


तुम बिन जिया नही जाता

इक पल रहा नही जाता

ज़िस्म में बसे हो रूह की तरह

जुदाई का ये दर्द सहा नही जाता

 

Sunday 13 June 2021

दर्द भरी शायरी

 "बंज़र है ज़मीं सूखे ये नज़ारे है

इस भीड़ में खड़े हम बेसहारे हैं

तूने जो छोड़ा साथ तन्हा है हम

तेरे इश्क़ में आज बने बेचारे है


ख्वाब दिखा तूने कहा अब न तुम्हारे है

टूटे हुए दिलके टुकड़े अब न ये हमारे है

वफ़ा की तूने दी ये सजा कैसी मुझे

इस तन्हाई में अश्क ही अब मेरे सहारे हैं"

Saturday 12 June 2021

मेरी प्यार भरी शायरी

 "आज फ़िर तेरी याद मुझे आयी

देख फिर मेरी आँख भर आयी

तू तो है बेखबर मेरी मोहब्बत से

पर तेरे लिए मैं दुनिया छोड़ आयी"

प्यार भरी शायरी

 "मीठी से हवा चली अभी

क्या तुमने कुछ कहा अभी

ख़ुशी से झूम रहा दिल मेरा

तुम्हेभी ये अहसास हुआ अभी"

Friday 11 June 2021

मेरी कविता




"तेरे  बस  एक दीदार  के  लिए ये नज़रे हम बिछाय बैठे हैं
न मिल जाये नज़रों से नज़रे इसलिए पलकें झुकाये बैठे हैं
कभी तो आयेगा तू मेरी इन गलियों में ये यकीं है हमे 
इसलिए इन राहों में हम फूलों  को  ऐसे बिछाये बैठें है

न सताये अँधेरा तुझे इसलिए दिन में भी दिये जलाये बैठे हैं
तुझ से एक मिलन के कितने हम सपने सजाये बैठे हैं
है यकीं मुझे तुझ पर तुझसे भी ज्यादा मुझें मेरे दिलबर
इसीलिए दूर तुझ से रह कर भी देख दिल तुझ से लगाए बैठे हैं"


मेरी नई कविता🙏🏻🙏🏻😄❤️❤️😄

 


 

Thursday 10 June 2021

प्यार भरी मेरी शायरी


प्यार में तेरे फ़िर महकने लगे हम
चाहत में तेरी फ़िर चहकने लगे हम
हुए फ़िदा तुझपर ऐसे ए मेरे हमनशीं
मोहब्बत में तेरी फ़िर बहकने लगे हम



 

मेरी शायरी

 भरलो बाहों में मुझे आज अपना बना लो

कभी न टूटने वाला एक ख्वाब बना लो

जियूँ संग तेरे मैं हर पल अब तो बस

मेरे हमदम तुम आज बस अपना बना लो

Meri shayri

 पल-पल तेरी याद मुझे आती है

दिन-रात बहुत मुझे रुलाती है

काश तू कर पाता अहसास मेरे दर्द का

तेरी हर बात मुझे बहुत तड़पाती है



मेरी शायरी

 दिल से दिल की बात पहुंचाना न आया हमें

मोहब्बत के ज़ज़्बात  दिखाना न आया हमें

सोचते रहे समझ लेंगे वो आँखोंसे मेरी मोहब्बत 

इसीलिए इज़हार ईश्क का करना न आया हमे

मेरी शायरी

 " इस जीवन की आस हो तुम

मेरे लिए बहुत खास हो तुम

दूर हो आज तुम मुझसे भले 

पर हर पल दिलके पास हो तुम"


" तेरी यादो में कुछ ऐसे खोये हम

जुदा तुझसे हो कर बहुत रोये हम

दिन-रात बस करते तेरी ही बातें

दूर तुझसे होकर न जागे न सोये हम"