Wednesday 15 January 2014

करते-करते इंतज़ार




करते-करते इंतज़ार उनसे एक मुलाक़ात का उम्र हमारी  गुज़र गयी, याद में उनकी रोते-रोते आँखे भी मेरी सूख गयी, पर वो ज़ालिम दिलबर ना आया मेरा जिसका करते-करते इंतज़ार आज मेरी ये साँसे भी रुक सी गयि… 

सच्ची मोहब्बत




चलते-चलते राह में उनसे  मुलाक़ात हुई, चलती हुई उन राहों में उनसे जाने कितनी बात हुई, फिर एक मोड़ पर वो कही बिछड़ गए, कहते हैं लोग के वो तो किसी और के हो गए, पर इस सौदे में भी पा कर साथ किसी और का नुक्सान उन्ही ने पाया, वो हुए है जिसके उसके जीवन में तो है जाने कितनो का साया, पर जिसके दिल में समायी है सिर्फ उनकी  ही एक छवि  बस उसको ही उन्होंने कभी न अपनाया और हमेशा ठुकराया,


सच कहते है लोग सच्ची मोहब्बत ना है कही अब दिखती और जो दिख जाए सच्ची मोहब्बत किसी कि नज़रों में उसे ही  है उमर भर रुसवाई  यु ही मिलती रही ………… 

मुस्कुराने को कहते हैं

tod ke dil ye mera wo hasne ko kahte h, ban ke bewafa wo mujhe bhul jane ko kahte h, de kar jakham iss dil par hazaro fir mujhe muskurane ko kahte h.....


तोड़ के दिल ये मेरा वो हसने को कहते हैं, बन के बेवफा वो मुझे भूल जाने को कहते हैं, दे कर जख्म इस दिल पे हज़ारों फिर मुझे वो मुस्कुराने को कहते हैं…… 

Monday 13 January 2014

Kyon tum aaj kuchh khoye khoye se ho

"Kyon tum aaj kuchh khoye khoye se ho, kyon tum aadhe jage aur thode soye soye se ho,
nazare chura rahe ho mujhse par dikhta hai raat bhar bahut roye roye se ho,
mil kar mujhse anjan jo ban rahe ho tum lagta hai shayad abhi tak mujhse yu tum ruthe ho,
paas ho kar bhi dur ja rahe ho jaise alwida bol rahe ho,
mohbbat ka diya dil mei jaga kar aakhir kyon bhujha ke tum mujhse dur ja rahe ho,
kyon tum kal ki baat dil se lagaye baithe ho,
kyon tum yu khafa khafa se ho,
kyon tum abhi tak juda juda se ho,
kyon tum aaj yu khoye khoye se,
kyon tum aaj khoye khoye se ho, kyon tum aadhe jage aur thode soye soye ho.. "

Sunday 5 January 2014

बस दो बूँद मोहब्बत कि इस ज़माने से मुझे चाहीये




बस दो बूँद मोहब्बत कि इस ज़माने से मुझे चाहीये, धन-दौलत नहीं बस प्यार भरी  बौझार मुझे चाहिए, भीगा दे मुझे प्यार में जो इस कदर जैसे भिगो देता है सावन धरती को जिस कदर बस वैसे  ही मोहब्बत में भिगोने वाला साथी मुझे चाहिए, दो पल का साथ नहीं जो उमर थाम सके हाथ मेरा बस ऐसा दिलबर मुझे चाहिए, 


झूठे ख्वाब  दिखाने वाले मिले मुझे बहुत इस ज़माने में, झूठ पे रिश्ता बनाने वाले मिले बहुत मुझे इस ज़माने में, पल दो पल के साथ के बाद बीच मझधार में छोड़ के जाने में मिले मुझे बहुत इस ज़माने में,

टूट कर बिखर गयी हूँ में जैसे मोती टूट कर बिखरते है माला से, जो इन मोतियों  को फिर से पिरो कर माला बना दे, बना के माला  सदा के लिए अपने गले से लगा कर सीने में छिपा ले मुझे तो  बस ऐसा एक हमसफ़र चाहिए,



बहते हुए मेरी आँखों से जो इन अश्को को रोक सके वो दीवाना मुझे चाहिए, मेरी सूनी ज़िन्दगी में जो भर सके अनेक रंग वो परवाना मुझे चाहिए, 



मेरे ख्वाबो से निकल कर सामने अब तो उसे आना चाहिए, अकेली हूँ कितनी मैं उसके बिना अब तो साथ उसे मेरा देना चाहिए, छिपा है जो जो दुनिया में कही अब तो पास उसे मेरे आना चाहिए, दूर है या करीब है जहाँ भी है वो उस जगह छोड़ मेरे इस दिल में बस जाना अब उसे चाहिए,


है जानी कितनी कड़वी यादें मेरी इस ज़िन्दगी कि, इन यादों से बाहर निकालने वाला वो हमनशी मुझे तो बस चाहिए, ख़ुशी कि चाहत में जो मिले है गम मुझे इस ज़माने से उन ग़मों को दूर कर ख़ुशी के कुछ ही पल जो दे सके मुझे वो शख्स बस मुझे चाहिए,बस दो बूँद मोहब्बत कि इस ज़माने से मुझे चाहीये, बस दो बूँद मोहब्बत कि इस ज़माने से मुझे चाहीये