Wednesday 15 January 2014

सच्ची मोहब्बत




चलते-चलते राह में उनसे  मुलाक़ात हुई, चलती हुई उन राहों में उनसे जाने कितनी बात हुई, फिर एक मोड़ पर वो कही बिछड़ गए, कहते हैं लोग के वो तो किसी और के हो गए, पर इस सौदे में भी पा कर साथ किसी और का नुक्सान उन्ही ने पाया, वो हुए है जिसके उसके जीवन में तो है जाने कितनो का साया, पर जिसके दिल में समायी है सिर्फ उनकी  ही एक छवि  बस उसको ही उन्होंने कभी न अपनाया और हमेशा ठुकराया,


सच कहते है लोग सच्ची मोहब्बत ना है कही अब दिखती और जो दिख जाए सच्ची मोहब्बत किसी कि नज़रों में उसे ही  है उमर भर रुसवाई  यु ही मिलती रही ………… 

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