अपने ही ये साये हमें डराने लगें है
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Saturday 26 December 2020
मेरी कविता-दर्द भरी
Monday 14 December 2020
Sunday 13 December 2020
Miss you mum
"तुम बिन जिया नही जाता
जुदाई का ये दर्द पिया नही जाता
आजाओ बाहों मेंफ़िर भरलो माँ मुझे
तुझसे दूर अब और रहा नही जाता"
"Bahut ummide thi tumse mujhe ya fir jrurt se jyada hi thi
Achha hua jo bata diya ummido se duniya kayam jrur hai
Pr ye ummide kabhi kisi se rakhni nhi chahiye
Kyonki jab koi inhe todta hai to insan zinda lash bn jata hai"
"जीने की ख्वाइश चली गयी मेरी जबसे हाथ क्या तूने छोड़ा
अब ज़िंदा लाश हूँ मैं काश तू देख सकती मुड़कर मुझे तो"
Meri shayri
Wednesday 25 November 2020
ईश्वर वाणी- 298 ,आत्मा, सूक्ष्म शरीर की यात्रा
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों यधपि तुमने आत्मा व सूक्ष्म शरीर, जीवात्मा के विषय मे बहुत कुछ सुना होगा, किँतु आज तुम्हें बताता हूँ आत्मा और सूक्ष्म शरीर कब अलग होते हैं और कब और कहाँ एक होते हैं।
Monday 16 November 2020
Friday 13 November 2020
Monday 9 November 2020
सम्भलना भूल गए-शायरी
"सबको हँसाते-हँसाते हँसना हम भूल गए
Saturday 7 November 2020
सैड शायरी
1-ए ज़िंदगी तू मुझे सता बहुत रही है
Thursday 5 November 2020
Romantic shayri
दूर तुम से हम जाये कैसे
Wednesday 4 November 2020
सैड शायरी-खुदसे हार गई मीठी
आँखों मे नमी और दिलमें दर्द है
ये ज़माना देखो कितना हुआ बेदर्द है
सबसे जीती खुदसे हार गई 'मीठी'
'खुशी' की बात कह झूठे मिले हमदर्द है
सैड शायरों-कब कौन सी बात
न जाने कब कौन सी बात अधूरी रह जाये
न जाने किस रात की सुबह न आये
जी लूँ तुझे जी भर कर ए मेरी ज़िंदगी
शायद फ़िर तू मुझे कभी मिल न पाए
Tuesday 3 November 2020
मेरी रचना (सैड शायरी)
ए ज़िंदगी तू कितनी खूबसूरत ह
तेरे होते न किसी की जरूरत है
सैड शायरी-क्या जुनून झाया
लिखते लिखते मोहब्बत की कविता
जाने क्या जुनून झाया तुझपे ए मीठी
खुशी की चाहत में ये क्या खता कर दी
शायरों वाली मोहब्बत फ़िर से कर ली
सैड शायरी
खता उनकी नही खता तो हमारी है
उन्होंने तो सच कहा एक दिन रुसवा कर देंगे
हमने ही मज़ाक समझा तो कसूर हमारा है
सैड शायरी
ऐ ज़िन्दगी में फ़िर कही बहक न जाऊँ
मेरी कविता
मेरी कविता
देखो टूट कर कैसे बिखर गए हम
कुछ दूर चले देखे कैसे गिर गए हम
मोहब्बत ढूढ़ने चले थे फिरसे यहाँ
सबकुछ लुटा देखो तन्हा हो गए हम
दे खुशी जहाँ को देखो रोते रह गए हम
अश्क पोछते झूठे मुस्कुराते रह गए हम
शायद यही है तकदीर में तेरी ए मीठी
खुशी की चाहत में हर दर्द सह गए हम
ईश्वर वाणी-296 मेरी स्तुति
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों तुम अपने मत, पूजा विधि-पद्धति व मेरे नामो को अनेक प्रकार से लेने को ले कर लड़ते रहते हो किंतु तुम जानकर भी नही जानना चाहते कि कोई चाहे किसी भी नाम और पूजा विधि का प्रयोग करे किंतु ये पूजा और इसका पूण्य मुझतक ही पहुँचती है।
ईश्वर वाणी-295आखिर आकाशीय उल्का पिंड कौन है, कहाँ से आते हैं
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों तुमने आकाश में बहते ये अनेक उल्का लिंड अवश्य देखे होंगे, किंतु ये कौन है कहाँ से आते हैं तुमको आज बताता हूँ।
ईश्वर वाणी-294 नवीन व पुरानी आत्मा
Monday 19 October 2020
ईश्वर वाणी-293 आखिर कौन है परमात्मा
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों यद्धपि मैं ईश्वर हूँ, सृष्टि का असली मालिक हूँ किँतु इसकी रचना और संचालन हेतु मैंने ही विभिन्न रूपों का निर्माण किया। हालाकिं इसके विषय मे पहले भी बता चुका हूँ किँतु कुछ संछिप्त जानकारी आज तुमको देता हूँ।
Saturday 17 October 2020
ईश्वर वाणी-292 आध्यात्म में अंक 7 का महत्व
ईश्वर कहते है, "हे मनुष्यों यद्धपि तुमने मेरे विषय में सुना है, पड़ा है किँतु जानते भी हो कि आखिर में रहता कहाँ हूँ, आखिर मेरा अस्तित्व क्या है हालांकि इस विषय मे पहले भी बता चुका हूँ किंतु आज फिर तुम्हें बताता हूँ।
Friday 16 October 2020
ईश्वर वाणी-291, सबकुछ मैं ही हूँ
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों यद्धपि इस संसार में सबकुच मेरी ही इच्छा से होता है, मेरी इच्छा के बिना कुछ भी सम्भव नही है।
ईश्वर वाणी-290 अकाल मृत्यु व स्वाभाविक मृत्यु में भेद
ईश्वर वाणी- अकाल मृत्यु व स्वाभाविक मृत्यु में अंतर
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों यद्धपि सुना और देखा है कई मृतक जीवों को, तुमने सुना भी होगा कि अगर कोई बालक या युवा जब उसकी मृत्यु होती है तो कहते हैं लोग की इसकी अकाल मृत्यु हुई है, शास्त्रों में भी अकाल मृत्यु के विषय मे लिखा है जहाँ वही ये भी लिखा है कि जन्म के समय से ही तय है कि किसकी मृत्यु कब और कैसे होगी फिर अकाल मृत्यु कैसे हुई क्योंकि सब कुछ तो पहले ही लिखा जा चुका है।
किँतु आज तुम्हें बताता हूँ कि अकाल मृत्यु और स्वाभाविक मृत्यु में क्या भेद है, आखिर क्यों किसी की मृत्यु को अकाल कहा जाता है जबकि सबकुछ पहले से तय है।
हे मनुष्यों ये आवश्यक नही की केवल किसी शिशु, बालक या युवा की मृत्यु हुई है तो केवल वही अकाल है, क्योंकि निश्चित समय से पहले हुई किसी की भी मृत्यु अकाल ही होती है यद्धपि तुम फिर कहोगे की अकाल कैसे हुई क्योंकि सबकुच पहले से ही तय था।
हे मनुष्यों अकाल मृत्यु वो होती है जिसको समय रहते टाला जा सकता है, अर्थात कुछ न कुछ संकेत प्रकति के माध्यम से तुम्हें अवश्य मिलते हैं जिन्हें अगर तुमने समझा तो तुम किसी का जीवन बचा सकते हो जैसे-यदि कोई व्यक्ति बीमार है और इलाज नही करा रहा जबकि उसकी बीमारी ठीक होने वाली है कोई असाध्य रोग उसको नही है, किंतु वो अपना इलाज नही कराता और हर दिन उसकी दशा और खराब होती जाती है फिर एक दिन उसकी बीमारी असाध्य बन जाती है और फिर वही उसकी मौत की वजह बनती है, इस प्रकार की मृत्यु ही अकाल होती है।
कोई व्यक्ति किसी की हत्या करने का प्रयास करता है और प्रहार करता है, घायल व्यक्ति को उपचार हेतु चिकित्सक के पास ले जाया जा सकता था जिससे उसके जीवन की रक्षा होती किँतु ऐसा नही हुआ तो ये हुई अकाल मृत्यु।
किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना घटी, व्यक्ति घायल हुए, ऐसे में उसको सही चिकित्सा मिले तो ठीक हो जाये पर लोग सिर्फ उसके मरने का तमाशा देखते हैं ऐसे मृत्यु अकाल कहलाती है।
यदि कोई आत्महत्या, काला जादू, टोना-टोटका व नकारात्मक शक्तियों के माध्यम से किसी की हत्या करता है तो ऐसी मौत अकाल कहलाती है क्योंकि इन्हें सही समय पर टाला जा सकता था और मेरे द्वारा कुछ संकेत दिए भी जाते हैं कि इसकी अकाल मौत होने वाली है इसकी रक्षा करो पर लोग इस पर ध्यान नही देते।
इस प्रकार जिस भी तरह से मृत्यु हुई है जाना जा सकता है वो अकाल है या नही।
वही यदि स्वाभाविक मृत्यु होगी तो सबसे पहले उम्र आती है, यदि व्यक्ति की उमर काफी हो चुकी है तो देह का त्यागना स्वाभाविक है।
वही यदि कोई गंभीर बीमारी है जो काफी समय से चल रही थी, इलाज़ के बाद भी तबियत न सुधर रही हो तो ये भी 1 स्वाभाविक मृत्यु होती है।
वही यदि किसी की मृत्यु किसी के माध्यम से होना लिखा है और इसको टाला नही जा सकता तो कोई न कोई कारण ऐसे जरूर बनेंगे की व्यक्ति उपचार से पूर्व ही अर्थात बेहतर उपचार के बावजूद उसकी जान नही बच पायेगी।
किसी हादसे अथवा किसी के द्वारा हत्या होने अगर लिखा है तब भी कोई न कोई वजह ऐसी जरूर बनेंगी की हर तरह की कोशिश के बाद भी नही उसको बचा सकते, अर्थात उनकी मौत को टालने की लाख कोशिश करो पर नही उनकी जान बच सकती।
बहुत ही बारीक भेद है स्वाभाविक मृत्यु और अकाल मृत्यु का, किँतु यदि ये समझ लिया तो तुम्हे पता चल जाएगा कि उक्त व्यक्ति की मृत्यु किस प्रकार है फिर उसकी अगली यात्रा हेतु वैसे ही प्राथना करो जिससे उक्त व्यक्तिवकी आत्मा को शांति मिले"
कल्याण हो
Sunday 27 September 2020
पुत्री दिवस पर मेरी छोटी सी रचना
Daughter's day pr meri likhi 1 chhoti c kavita..
"कितनी प्यारी कोमल कली होती हैं बेटिया
देखो कितनी हंसी मनचली होती हैं बेटिया
बन शहज़ादी राज़ करती ये दिलो पर सबके
सबकी दुलारी कितनी चुलबुली होती हैं बेटियां"
🙏🏻🙏🏻
Ap sabi girls k liye sath hi jinki betiya hai unke liye bhi..🙏🏻🙏🏻
Saturday 26 September 2020
रोमांटिक शायरी-दिलसे
"आजा तेरी बाहों में ज़िन्दगी गुज़ार दूँ
हर इक पल तुझे इतना मै प्यार दूँ
रहे 'मीठी-खुशी' सदा ज़िंदगी मे तेरी
ऐ मेरे हमदम तेरे लिए खुदको मै वार दूँ "
🤗😇🤗😇
Friday 25 September 2020
ईश्वर वाणी-289 सकारात्मक सोच
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्य तुम्हारा अहंकार, तुम्हारी ईर्ष्या, कटु वचन ही तुम्हें इतना निर्बल बनाते हैं कि तुम पर नकारात्मक लोग अपनी नकारात्मकता को तुम पर छोड़ देने में कामयाब हो जाते हैं।
तुमने अधिकतर देखा और सुना होगा कि फलां व्यक्ति पर कोई नकारात्मक शक्ति है अथवा किसी पर किसीने कोई नकारात्मक क्रिया कर दी, तो आखिर ऐसा क्या है जो तुम इसके प्रभाव में आ जाते हो? आखिर इतने निर्बल क्यों हो जो इसके प्रभाव में आसानी से आ जाते हो और जीवन नष्ट करते हो।
हे मनुष्यों संसार मे सकारात्मक और नकारात्मक विचारधाराएं तो चलती रहेंगी किंतु तुम्हे इससे बचना होगा ताकि न सिर्फ इस भौतिक जीवन अपितु उस अभौतिक जीवन को भी सुधार सके जो इस जीवन के बाद तुम्हे मिलने वाला है।
इसके लिए हर दिन मेरा ध्यान करो और मुझसे हर पल यही कहो को मैं तुम्हारा मार्गदर्शन करू।
साथ ही तुम काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार का त्याग करो, यद्धपि तुम्हारा अहित करने वाले ऐसे ऐसे वाक्य कहेंगे जिससे तुम्हे क्रोध और आवेश आएगा क्योंकि जितना तुम्हे क्रोध आवेश और ईर्ष्या आएगी तुम्हारी खुदकी सकारात्मक शक्ति कम होगी और जब वो कम होगी तो तुम पर कोई भी नकारात्म क्रिया हो सकती है आसानी से ।
हे मनुष्य इसलिए खुद को इतना सकारात्मक बना लो कि कोई नकारात्मक क्रिया तुम को छू तक न सके, भगवान बुद्ध, महावीर जी, जीसस आदि अनेक देव हुए जिन्होंने अपने को इतना सकारात्मक बनाया की इन्हें देख कर खुद ब खुद नकारात्मक ऊर्जा दूर भागती थी साथ ही इनके आभामंडल के समक्ष आने से भी डरती थी।
तुम्हें भी खुद को इतना सकारात्मक और सात्विक बनाना है कि नकारात्मक ऊर्जा तुम्हारे आभामंडल के पास आने से भी डरे ताकि तुम्हे तुम्हे कभी कोई नुकसान न पहुँचा सके।
इसलिए कहते हैं अपने शत्रुओं को भी छमा कर दो, और खुद पल पल जाने अनजाने व पिछले कई जन्मों में हुई गलती के लिए मॉफी माँगते रहो।
नेक कर करो, किसी भी जीव का जाने अनजाने दिल दुखाने और नुकसान पहुँचाने से बचो, लोग तुम्हें लाख चिढ़ाए, क्रोध दिलाये, लेकिन उनके नकारात्मक प्रभाव में मत आओ, और यदि उनके प्रभाव में आ जाते हो तो कोशिश करो उनसे दूरी बना कर उनके विषय मे सोचना त्याग कर अन्य के विषय मे सोचें जिससे सकारात्मक ऊर्जा तुम्हें मिलती हो।
ऐसा करो निश्चित ही लाभ मिलेगा,
कल्याण हो
Wednesday 19 August 2020
मेरी शायरी
"न बिछड़ने का गम है न मिलने की उमंग है
है मोहब्बत ही कुछ ऐसी इसमे हज़ारो रंग है
Wednesday 12 August 2020
मेरी शायरी
"झूठे हैं नाते झूठे ये तराने हैं
कहने को सब यहाँ अपने हैं
पर जब मुड़ कर देखो तो
यहाँ सबके के सब बेगाने हैं"
मेरी रचना मेरी शायरी
"मोहब्बत में मिली हमें क्या खूब ये सौगात
Tuesday 23 June 2020
हिंदी रोमांटिक शायरी
लाख चाहने पर भी ये छिपाई नही जाती
एक याद है उनकी दिलमे मेरे ऐसे बसी
जो चाह कर भी मुझसे मिटाई नही जाती"
शायरी-हिंदी रोमांटिक
की तुम्हारी याद अब मुझे सोने भी नही देती"
Wednesday 17 June 2020
मेरी शायरी
Tuesday 16 June 2020
Sunday 14 June 2020
रोमांटिक कविता
Saturday 6 June 2020
Saturday 30 May 2020
कहानी-short story
एक व्यक्ति किसी महिला से मिला, उससे कहा कि मैं बहुत भूखा हूँ, बहुत दिनों से भोजन देखा तक नही, मुझे भोजन चाहिए।
इस प्रकार हर रोज़ वो उस महिला के पास जा कर वो उससे भोजन मांगता, पहले तो महिला ने उस पर ध्यान नही दिया लेकिन एक दिन सोचा शायद ये सच में भूखा है, और उसने उस आदमी को भोजन खिलाने का मन बनाया जब वो फिर उसके पास भूख की बात कहने आया।
महिला ने जब भोजन देने की बात की तो वो व्यक्ति बोला किस नाते से मुझे भोजन दोगी, महिला बोली जिस नाते से तुम भोजन खा सको।
इस तरह वो व्यक्ति उस महिला से भोजन खाने आने लगा, किंतु फिर उसने आना कम कर दिया लेकिन महिला प्रतिदिन उस आदमी के लिए भोजन निकालती रही, जब उस आदमी ने भोजन खाने आना पूरी तरह बंद कर दिया तो वो महिला उसके घर भोजन पहुचा कर आने लगी।
लेकिन फिर एक दिन वो आदमी उस महिला से बोला , "मुझे तुम्हारे भोजन की जरूरत नही है, हर रोज़ ले कर चली आती हो अच्छा नही लगता, मैं अपनी पसंद का कुछ खा नही सकता, अगर कभी मेरी पसन्द का बने तो लाना अन्यथा भोजन ले कर नही आना, मै मर जाऊँगा ये और इतना खा कर , मुझसे नही हज़म होता ये, पेट फट रहा है इतना खा कर,अब कल से मत लाना अपना भोजन मैं हाथ जोड़ता हूँ तुम्हारे👐"।
महिला का दिल टूट गया और सोचने लगी कि क्या भूख भूख चिल्ला कर उससे भोजन की मांग करने वाला आदमी सचमें क्या भूखा था या फिर झूठ बोला था अपनी किसी जरूरत को पूरा करने के लिए, शुरुआत में उस महिला के द्वारा दी गयी सूखी रोटी भी उस आदमी को अच्छी लगती थी लेकिन अब पकवान भी खराब लगते हैं, क्या सच मे उस आदमी को इसकी जरूरत भी थी उस महिला के दयालु स्वभाव का लाभ लेने उसके पास आया था।
मित्रों यही होता है जब किसी को जरूरत से ज्यादा प्यार मिल जाये बेहिसाब मिल जाये तो लोग इस प्यार को वैसे ही नही संभाल पाते जैसे वो आदमी उस महिला के भोजन को न संभाल पाया न हजम कर पाया, लेकिन किस को इसकी जरूरत सच में है जो प्यार को और उस भोजन को संभाल सके ऐसा व्यक्ति आज के माहौल में मिलना मुश्किल है लेकिन आपकी ज़िंदगी मे कोई है जो इतना प्यार देता हो तो संभाल के रखिये क्योंकि निःस्वार्थ प्यार आजकल न के बराबर ही मिलता है और जिसको मिलता खुशनसीब होते हैं
Thursday 28 May 2020
कविता-आदत है मेरी
दर्द में भी मुस्कुराते रहना मज़बूरी नही आदत है मेरी
अश्क़ छिपा यू हँसते रहना मज़बूरी नही आदत है मेरी
तन्हा अकेले यु रहना मज़बूरी नही आदत है मेरी
ईश्वर वाणी-288, संसार के मुख्य सागर
ईश्वर वाणी-287,आत्मा की शक्ति
Friday 15 May 2020
Romantic shayri
हकीकत न सही सपनो में मुलाकात किया करो
दिन के उजाले में मिलन हो नही सकता अभी
कोशिश मिलने की हमसे हर रात किया करो"
Romantic shayri
Wednesday 13 May 2020
Tuesday 5 May 2020
रोमांटिक शायरी
हिंदी रोमांटिक शायरी
Romantic hindi shayri
तेरे बिन हम मुस्कुराना भूल गए -कविता
ईश्वर वाणी-285, ईश्वर की सच्चाई
कविता-खुशबू तुम्हारी होती है
धीरेसे मुझसे कुछ कहती है
छूती ये बदन को मेरे
जिसमे खुशबू तुम्हारी होती है
दिलमे याद तुम्हारी रहती है
हर पल बात तुम्हारी होती है
कैसे मजबूर है आज यहाँ हम
धड़कन दिलसे यही कहती है
ईश्वर वाणी-284,जन्म जन्मों का सत्य
Monday 27 April 2020
Sad Shayri
ऐ ज़िन्दगी और कितना रुलायेगी
वैसे ही तो बहुत गम है फैले जहाँ में
ऐ ज़िन्दगी तू और कितना सतायेगी"
2-🌹❤️🌹: "न मेरे खोने का गम है
न मेरे होने की खुशी है
ए ख़ुदा है तुझसे शिकवा
कैसी ये ज़िन्दगी मुझे दी है"
Wednesday 22 April 2020
ईश्वर वाणी-283, अगली यात्रा की पूँजी
Tuesday 21 April 2020
मेरा गीत मेरी कविता
ऐ ज़िंदगी तुझसे ही मोहब्बत करने लगी हूँ
भूल चुकी थी मुस्कुराना मैं
खो चुकी थी यु हँसना में
खुद से ही बात करने लगी हूँ
धीरे-धीरे खुद से ही में जुड़ने लगी हूँ
ऐ ज़िंदगी तुझसे ही मोहब्बत करने लगी हूँ
गिर कर संभलना सीखने लगी हूँ
खुद से ही दिल लगाने लगी हूँ
'खुशी' ढूंढती थी जो दूसरो में
'मीठी' सी आवाज़ में गुनगुनाने लगी हूँ
धीरे-धीरे खुद से ही में जुड़ने लगी हूँ
ऐ ज़िंदगी तुझसे ही मोहब्बत करने लगी हूँ
दर्द ज़माने के भूल कर
खुद में ही खुदको खो कर
अब फिर महकने लगी हूँ
धीरे-धीरे खुद से ही में जुड़ने लगी हूँ
ऐ ज़िंदगी तुझसे ही मोहब्बत करने लगी हूँ
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sunday 19 April 2020
रोमांटिक शायरी
कैसे समझाऊ तुमसे मिलना है जरूरी
नही लगता ये दिल कही तुम बिन मेरा
आजाओ बाहों में मेरी न रखो और दूरी
रोमांटिक हिंदी शायरी
तुमसे मिलन की प्यास दिल मे है
कब होगी ये दूरियां खत्म हमारी
पल-पल तुम्हारा अहसास दिलमे है
मेरा गीत-ए दिल आज जरा
धड़कन तुझसे क्या कहती है, ये आवाज़ सुन
आज बहका सा है कुछ दिल मेरा
आज महका सा है ये जीवन मेरा
तुमने थामा हाथ तो
खिल उठा दिल का हर कोना
खुशी की ये फुहार सुन
ए दिल आज जरा ये पुकार सुन
धड़कन तुझसे क्या कहती है, ये आवाज़ सुन
तुमसे पहले थी ज़िन्दगी में सिर्फ तन्हाई
मिली मुझे तो सबसे ही सिर्फ रुसवाई
तुम न होना अब जुदा कभी मुझसे
ए मेरे हमदम न छोड़ के फिर तुम जाना
ए मेरे दिलबर सदा बनकर मेरे रहना
बहती हवा की मीठी पुकार सुन
ए दिल आज जरा ये पुकार सुन
धड़कन तुझसे क्या कहती है, ये आवाज़ सुन
Friday 10 April 2020
Meri kavita
अपनी मोहब्बत से हुए कितना दूर है
पर तू वक्त है बीत जायेगा एक दिन
फिर छाया कैसा तुझे खुदपे ये गुरुर है
हालात से बाँध हुआ तू बड़ा मगरूर है
आज ऐसे इन्तजार में बैठे हम जरूर है
पर तू वक्त है बीत जायेगा एक दिन
फिर छाया कैसा तुझे खुदपे ये गुरुर है"
Tuesday 31 March 2020
Jay mata di
तुमसे ही शुरू है मेरी हर कहानी
करना माफ़ हर खता तुम मेरी
तुम हो जगतजननी मेरी माता रानी
जय माता दी
माता रानी सबकी रक्षा करें
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Romantic hindi shayri
मेरे हर दिन का हसीं अहसास हो तुम
तुमसे ही होती है अब मेरे दिन की शुरुआत
मेरे लिए तो हर पल सब से खास हो तुम"
2- दिल में दर्द और आँखे नम है
बिन तुम्हारे कितना तन्हा हम है
सताकर तुम्हें खुश हम भी नही
तुम बिन ज़िंदगी मे कितना गम है
3-"मेरी ख़ता की न ऐसी तुम सज़ा दो
मेरे ख्याल को न दिलसे तुम मिटा दो
दिल मे कितना दर्द है तुम्हे सताकर
यु दूर जाने की मुझे कुछ तो वजह दो"
4- शायद हमने तुम्हे फ़िर रुला दिया
तुमने भी देखो हमे कैसे भुला दिया
हम तो पहले से तन्हा थे यहाँ पर
मगर तुमने फिर अहसास दिल दिया
5-"मेरी ख़ता की फिर न ऐसी सज़ा देना
दिल से दूर मुझे न कभी तुम करना
काश दिल का हाल तुम्हे दिखा सकते
फिर न कभी हमे दिलसे जुदा करना"
6-"हर पल हर लम्हा हम आपको याद करते हैं
आपको क्या पता आपसे कितना प्यार करते हैं"
7-"मुझे तो हर पल आस तुम्हारी होती है
हर जगह बस तलाश तुम्हारी होती है
काश ख्वाब में मिलने आओ तुम हमसे
इसी उम्मीद में अब 'मीठी-खुशी' सोती है"
8- हर रात आपकी प्यारी हो जाये
खूबसूरत ख्वाब आपकी आँखों मे आये
मिले सब आपको सपनो में जो चाहो
सुबह आपका ख्वाब पूरा हो जाये
Thursday 19 March 2020
Romantic shayri-hindi
Meri shayri-romantic
Wednesday 18 March 2020
गीत-एक कदम टीम चलो
एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले
कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले
मोहब्बत के फ़साने आज कुछ ऐसे लिखें
दिल की हर बात जो फिर आँखों में दिखे
तेरी ज़ुल्फ़ के साये में आज फिर हम मचले
एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले
तेरी बाहों में आ कर हम बहकते रहे सदा
तुझसे मिल कर कुछ ऐसे चहकते रहे सदा
कुछ तुम महको, कुछ हम बहकते चले
एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले
एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले
कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले
तुमसे है कितनी प्रीत आज तुम्हें बता दु
अपना हाल-ए-दिल में तुमको दिखा दु
कुछ मोहब्बत में तुम तड़पो कुछ हम तड़पे
ज़ज़्बात अपने कुछ तुम कहो कुछ हम कहे
एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले
कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले
चर्चा अपनी मोहब्बत की अब होने लगी है
हर जगह इश्क की सुगबुगाहट अब होने लगी है
तेरे प्यार का प्याला कुछ यूं छलकने लगा है
ये दिल, मेरा दिल तेरी याद में कैसे रोने लगा है
दिल की बात कुछ, तुमसे कहते चले
एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले
एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले
कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले
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Meri shayri-romantic
फिर क्यों छाई ये दूरी सी है
है मोहब्बत तुमसे बैतन्हा हमे
खामोशी की कुछ मज़बूरी सी है
Sunday 15 March 2020
कविता-कौन अपना है कौन पराया
शायद इसिलए ही पग पग है हम धोखे खाते
हर शख्स लगता है हमे तो वफादार इस जहाँ में
वही वफादार ही आखिर यहाँ दगा हमे दे जाते
इश्क की महफ़िल में अक्सर ऐसे लोग मिल जाते
पहले बाँधते बंधन प्यार का फिर तोड़ कर चले जाते
अपने इस नादाँ दिल पर रोती 'मीठी-खुशी' अक्सर
मासूमों के दिल से ही तो आखिर ये लोग हैं खेल जाते
नादाँ ही तो अक्सर हर दफा वफा की भूल कर जाते
टूटे दिल की पीर ले कर मासूम ही तो अश्क़ बहाते
नही है नसीब में तेरे मोहब्बत ए 'मीठी-खुशी' समझ ले
तू है नादाँ बहुत जिसका पल पल फायदा लोग उठाते
पहले अपना कर फिर तुझे देख कैसे ये ठुकराते
मरहम बता चोट पर और ज़ख़्म गहरे दे जाते
दुनिया की रीत यही है सदियों से 'मीठी-खुशी'
बेवफाई कर देखो महफ़िल में लोग कैसे इतराते
Saturday 14 March 2020
गीत- मेेरे सनम मेरे हमदम
गीत-तुम्हारी यादों को
कभी मुड़कर, मुझे भी तुम देख लेना
वक्त मिले तो, याद मुझे भी तुम कर लेना
ये माना, नही तुम्हे अब जरूरत हमारी
हकीकत न सही, ख्वाब मुझे समझ लेना
तेरी मोहब्बत की, हसरत सजाए बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिल में बसाए बैठे हैं
रूठे तुम, ऐसे की मना हम ना पाये
दूर ऐसे हुए की, फिर करीब न आये
तू खुश रहे सदा, यही दुआ करते हैं
भले तेरे बिना, हम और जी न पाये
तेरी हर बात को, सीने से लगाये बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिलमें बसाए बैठे हैं
तुझे याद कर, रोते है हम रात-दिन
तेरे लिए तो, तड़पते है हम हर दिन
काश तू फिर, मुड़कर देख हाल मेरा
करते हैं सबसे, अब तेरी ही बात रात-दिन
पत्थर से पिघलने की, आस लगाए बैठे हैं
मौत से ज़िन्दगी की, उम्मीद लागाये बैठे हैं
बेवफा से वफ़ा की, आस लगाए बैठे हैं
तुम्हारी यादों को, दिलमें बसाए बैठे हैं